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लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा.

लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा. 

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कुंडली के ये 7 योग बताते हैं आपके पास धन है या नहीं

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कुंडली के ये 7 योग बताते हैं आपके पास धन है या नहीं These 7 yoga horoscopes indicate whether you have money or not

काले घोड़े की नाल का प्रयोग

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Use of black horseshoe काले घोड़े की नाल का प्रयोग   शत्रु एवं शनि पीड़ित लोग काले घोड़े की नाल के छल्ले का प्रयोग करें तो उत्तम लाभ होता है।

जानिए कौन-कौन से योग होते हैं शुभ

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जानिए कौन-कौन से योग होते हैं शुभ   ज्योतिष शास्त्र में पंचांग से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण के आधार पर मुहूर्तों का निर्धारण किया जाता है। जिन मुहूर्तों में शुभ कार्य किए जाते हैं उन्हें शुभ मुहूर्त कहते हैं। इनमें सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, रवि पुष्य योग, पुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग, राज योग, द्विपुष्कर एवं त्रिपुष्कर यह कुछ शुभ योगों के नाम हैं।

स्त्री और पुरुष की हथेलियों पर मौजूद ये 10 निशान, होते हैं बहुत ही शुभ

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स्त्री और पुरुष की हथेलियों पर मौजूद ये 10 निशान, होते हैं बहुत ही शुभ  हस्तरेखा ज्योतिष में हथेली पर मौजूद रेखाओं और आकृतियों के गहन अध्ययन से व्यक्ति के भविष्य के बारे में शुभ और अशुभ बातों का पता चलता है।  शत्रु में वर्णन के अनुसार जीवन में हस्त रेखाएं, कई तरह के संकेत देती है। इसमें स्त्री और पुरुष दोनों की रेखाएं विपरीत व सामान हो सकती है, परन्तु आचार विचार के मिलान न होने से लाभ एक जैसे नहीं होते।  इसलिए हस्तरेखा में पुरुषों और स्त्रियों की हाथ की रेखाएं अलग-अलग संकेत देते हैं। हस्तरेखा शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसमें हथेली की लकीरों को देखकर अपने भाग्य की जानकारियां पता लगाई जा सकती है,  हस्त रेखा शास्त्र की मदद से व्यक्ति का भाग्य कितना साथ देगा? उसी प्रकार इंसान की हथेली उसके ब्यक्तित्व व स्वभाव का बखान करती है।  हाँथ की हथेली की बनावट किसी भी इंसान के जीवन, भविष्य का वर्णन करने के लिए सक्षम मानी जाती है। तो आज हम आपको आपके हथेली बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिससे आप अपने भाग्य के बारे में खुद पता लगा सकते हैं।  ...

vastu tips for home

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वास्तु उपाय 1.मकान में या बाथरूम में शीशा या दर्पण हमेशा पूर्व या ऊतर दिशा की दीवार में ही लगाना चाहिए | 2.स्नानघर के दरवाजे के ठीक सामने दर्पण नहीं लगाना चाहिए ये अशुभ प्रभाव को बढ़ाता है। 3.दर्पण जितना स्वच्छ, हल्का तथा बड़े आकार का होगा, उतना ही लाभदायक होगा इससे आपके व्यापार में वृद्धि होगी और कर्ज खत्म हो जाएगा। 4.आइने को खरीदते करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें चेहरा साफ, स्पष्ट और वास्तविक दिखाई दे। धुंधला और विकृत चेहरा दिखाने वाले आइना बुरा प्रभाव डालता है 5.यदि आपके बेडरूम में बेड के ठीक सामने कोई आईना हो तो उसे फौरन हटाएं, क्योंकि यह आपके शादीशुदा लाइफ में बाधाएं खड़ी कर सकता है। 6.दर्पण जितना बड़ा और हल्का होगा वास्तु के हिसाब से उतना ही अच्छा माना जाता है। 7.इस बात का विशेष ध्यान रखे कि आईना टूटा-फूटा , नुकीला , चटका हुआ , धुंधला या गंदा न हो और उसमें प्रतिबिंब, लहरदार या टेढ़ा-मेढ़ा न दिखाई दे। 8.यदि दर्पण को आप अपने तिजोरी के सम्मुख रखते हैं तो ये आपके धन सम्पदा में दिन दुगुनी , रात चौगुनी वृद्धि का कारक बनेगा।  9.शयन कक...

कर्ज से छुटकारा पाने के लिए घर में करें ये 4 बदलाव

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Ways to get rid of debt  कर्ज से छुटकारा पाने के लिए घर में करें ये 4 बदलाव अक्सर लोगों की एक समस्या होती है और कहते है कि वह पैसे तो बहुत कमाते है लेकिन बचा नहीं पाते और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ता है। धन हानि और कर्ज की वजह आपके घर में उपस्थित वास्तुदोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र में ईशान कोण, नैऋत्य कोण और उत्तर दिशा को आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक माना गया है। इन तीनों दिशाओं में अगर कोई कमी होती है तो धन की हानि होने लगती है और कर्ज बढ़ता जाता है।  कर्ज से बचने के वास्तु उपाय : वास्तु शास्त्र में घर के ईशान कोण को बहुत ही शुभ माना जाता है इस कोण में माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए घर का ईशान कोण गंदा नहीं होना चाहिए। जिस घर पर ईशान कोण का हिस्सा गंदा होता है वहां हमेशा धन की हानि होती है।  घर के पूर्व और उत्तर दिशा में भारी सामान नहीं रखना चाहिए। घर के इस हिस्से में भारी सामान होने पर कर्ज का भार रहता है। घर पर पानी की टंकी ईशान कोण में होना चाहिए। इससे कर्ज नहीं होता है। नैऋत्य कोण में पानी का टैं...

जानिए शास्त्रों के अनुसार सांप दिखना शुभ है या अशुभ

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जानिए शास्त्रों के अनुसार सांप दिखना शुभ है या अशुभ सांप एक ऐसा जीव है जिसे शास्त्रों में पूजनीय बताया गया है। भगवान श्री  पाश्वनाथ भी सर्प को एक लाँछन के रूप में स्वीकार करते हैं। जो लोग इस पर विश्वास करते हैं वो इससे जुड़े शकुन और अपशकुन को भी मानते हैं। शास्त्रों में सांपों को लेकर बताए गए शकुन और अपशकुन इस प्रकार है- ⟹ यदि  पर सांप लिपटा हुआ दिखाई दे तो यह भी बहुत शुभ शकुन होता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को भगवान  की कृपा प्राप्त होती है। ⟹  किसी मंदिर में सांप दिखना भी शुभ माना जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति की मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। ⟹  मरा हुआ सांप देखना अशुभ माना जाता है। अत: यदि कहीं मरा हुआ सांप दिखाई दे तो भगवान    श्री  पाश्वनाथ भगवान से क्षमा याचना करनी चाहिए और   श्री  पाश्वनाथ भगवान पर पक्षाल करना है। ⟹  किसी आवश्यक कार्य पर जाते समय कोई सांप आपके सीधे हाथ की ओर से रास्ता काट दे तो यह शुभ शकुन माना जाता है। ऐसा होने पर कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ⟹ ...

वास्तु टिप्स - दीवार पर कहाँ टाँगे घड़ी

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वास्तु टिप्स - दीवार पर कहाँ टाँगे घड़ी ज्योतिष के नियम कहते हैं कि घड़ी खरीदते  स मय ध्यान रखें कि यह गोल, अंडाकार, अष्टभुजाकार या फिर षट्भुजाकार हो। यह आपके लिए पॉज़िटिव एनर्जी और खुशियों को लेकर आता है। क) . यदि आप दक्षिण दिवार पर घड़ी टांगते है, तो आपका चन्द्रमा गुरु और शुक्र ग्रह बलहीन हो जाता है जिससे 1. आपका मन हमेशा अशांत रहेगा और मन में हमेशा नेगेटिव सोच आएगी। 2. घर में पूजा या धार्मिक कार्य में मन नहीं लगेगा और घर में हर सदस्य हमेशा का आपस में मतभेद होता रहेगा। 3. किसी को भी अपने कार्य में सफलता नहीं मिलेगी। ख) . यदि आप घड़ी पश्चिम दिवार पर टांगते है, तो आपका शुक्र सूर्य बुध बलहीन हो जाते है, जिससे 1. घर में रहने वाली महिलाये अक्सर बीमार रहती है और पति पत्नी में भी अच्छी नहीं बन पाती है। 2. अकसर काम में उच्च अधिकारियो के विवाद होता है या उनको प्रसन्न करने में हम असफल रहते है । 3. घर में बच्चो का दिमाग पढ़ाई पर नहीं लग पाता है और न ही वो ठीक से बर्ताव करते है। ग) . यदि आप घडी पूर्व दिशा पर टांगते है, तो आपने मंगल गुरु और शनि ग्रह बलवान...

शनि-राहु के कारण अचानक हो सकता है नुकसान, जानिए खास बातें

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शनि-राहु के कारण अचानक हो सकता है नुकसान, जानिए खास बातें

जानिए कौन सी दिशा है शुभ फलदायी

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सम्पूर्ण वास्तु शास्त्र दिशाओं पर ही निर्भर होता है। क्योंकि वास्तु की दृष्टि में हर दिशा का अपना एक अलग ही महत्व है। पूर्व-दिशा :- पूर्व की दिशा सूर्य प्रधान होती है.सूर्य का महत्व सभी देशो में है। पूर्व सूर्य के उगने की दिशा है। सूर्य पूर्व दिशा के स्वामी है। यही वजह है कि पूर्व दिशा ज्ञान, प्रकाश, आध्यात्म की प्राप्ति में व्यक्ति की मदद करती है. पूर्व दिशा पिता का स्थान भी होता है. पूर्व दिशा बंद, दबी, ढकी होने पर गृहस्वामी कष्टों से घिर जाता है. वास्तु शास्त्र में इन्ही बातो को दृष्टि में रख कर पूर्व दिशा को खुला छोड़ने की सलाह दी गयी है। दक्षिण-दिशा :- दक्षिण-दिशा यम की दिशा मानी गयी है। यम बुराइयों का नाश करने वाला देव है और पापों से छुटकारा दिलाता है. पितर इसी दिशा में वास करते है. यह दिशा सुख समृद्धि और अन्न का स्रोत है। यह दिशा दूषित होने पर गृहस्वामी का विकास रुक जाता है. दक्षिण दिशा का ग्रह मंगल है.और मंगल एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है। उत्तर-दिशा :- यह दिशा मातृ स्थान और कुबेर की दिशा है। इस दिशा का स्वामी बुध ग्रह है। उत्तर में खाली स्थान ना होने पर माता ...

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