सम्पूर्ण वास्तु शास्त्र दिशाओं पर ही निर्भर होता है।क्योंकि वास्तु की दृष्टि में हर दिशा का अपना एक अलग ही महत्व है।
पूर्व-दिशा:- पूर्व की दिशा सूर्य प्रधान होती है.सूर्य का महत्व सभी देशो में है। पूर्व सूर्य के उगने की दिशा है। सूर्य पूर्व दिशा के स्वामी है। यही वजह है कि पूर्व दिशा ज्ञान, प्रकाश, आध्यात्म की प्राप्ति में व्यक्ति की मदद करती है. पूर्व दिशा पिता का स्थान भी होता है. पूर्व दिशा बंद, दबी, ढकी होने पर गृहस्वामी कष्टों से घिर जाता है. वास्तु शास्त्र में इन्ही बातो को दृष्टि में रख कर पूर्व दिशा को खुला छोड़ने की सलाह दी गयी है।
दक्षिण-दिशा:- दक्षिण-दिशा यम की दिशा मानी गयी है। यम बुराइयों का नाश करने वाला देव है और पापों से छुटकारा दिलाता है. पितर इसी दिशा में वास करते है. यह दिशा सुख समृद्धि और अन्न का स्रोत है। यह दिशा दूषित होने पर गृहस्वामी का विकास रुक जाता है. दक्षिण दिशा का ग्रह मंगल है.और मंगल एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है।
उत्तर-दिशा:- यह दिशा मातृ स्थान और कुबेर की दिशा है। इस दिशा का स्वामी बुध ग्रह है। उत्तर में खाली स्थान ना होने पर माता को कष्ट आने की संभावना बढ़ जाती है।
दक्षिण-पूर्व की दिशा:- इस दिशा के अधिपति अग्नि देवता है। अग्निदेव व्यक्ति के व्यक्तित्व को तेजस्वी, सुंदर और आकर्षक बनाते है। जीवन में सभी सुख प्रदान करते है.जीवन में खुशी और स्वास्थ्य के लिए इस दिशा में ही आग, भोजन पकाने तथा भोजन से सम्बंधित कार्य करना चाहिए. इस दिशा के अधिष्ठाता शुक्र ग्रह है।
उत्तर-पूर्व दिशा:- यह दिशा धन, स्वास्थ्य औए एश्वर्य देने वाली है. यह दिशा वंश में वृद्धि कर उसे स्थायित्व प्रदान करती है। यह दिशा पुरुष व पुत्र संतान को भी उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती है. और धन प्राप्ति का स्रोत है। इसकी पवित्रता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम दिशा:- यह दिशा मृत्यु की है. यहां पिशाच का वास होता है. इस दिशा का ग्रह राहू है। इस दिशा में दोष होने पर परिवार में असमय मौत की आशंका बनी रहती है।
उत्तर-पश्चिम दिशा:- यह वायुदेव की दिशा है. वायुदेव शक्ति, प्राण, स्वास्थ्य प्रदान करते है. यह दिशा मित्रता और शत्रुता का आधार है. इस दिशा का स्वामी ग्रह चंद्रमा है.
पश्चिम-दिशा:- यह वरुण का स्थान है। सफलता, यश और भव्यता का आधार यह दिशा है। इस दिशा के ग्रह शनि है। लक्ष्मी से सम्बंधित पूजा पश्चिम की तरफ मुंह करके भी की जाती।
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