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पर्युषण पर्व पर हिंदी स्पीच निबंध Hindi Speech Essay on Paryushan Parv

  पर्युषण पर्व पर हिंदी स्पीच निबंध Hindi Speech  Essay on Paryushan Parv

जो होता है अच्छे के लिए होता है Kahani

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कहानी  जो होता है अच्छे  के  लिए होता है  एक  व्यक्ति  का  दिन  बहुत खराब गया उसने  रात  को ईश्वर  से फ़रियाद की. व्यक्ति ने कहा, ' भगवान, ग़ुस्से  न  हों  तो  एक  प्रश्न पूछूँ ? भगवान  ने  कहा, 'पूछ, जो  पूछना  हो  पूछ;....? व्यक्ति  ने  कहा, ' भगवान, आपने  आज  मेरा  पूरा  दिन एकदम  खराब  क्यों  किया ? भगवान हँसे ...... पूछा, पर  हुआ  क्या ? व्यक्ति  ने  कहा, ' सुबह  अलार्म  नहीं  बजा, मुझे  उठने में  देरी  हो  गई......' भगवान  ने  कहा, अच्छा  फिर.....' व्यक्ति  ने  कहा, देर  हो  रही  थी,उस पर  स्कूटर बिगड़  गया. मुश्किल  से   रिक्शा मीली .' भगवान  ने  कहा, अच्छा  फिर......!' व्यक्ति  ने  कहा, टिफ़िन  ले  नहीं  गया...

कोई ओर दिन कभी नही आता kahani

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   कहानी   कोई ओर दिन कभी नही आता   एक मित्र नेअपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे कलर का पेकेट निकाला ,    उसने कहा कि  " ये कोई साधारण पैकेट नहीं है ..!" उसने पैकेट खोला   और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।   ये हमने लिया था 8-9 साल पहले , जब हम पहली बार न्युयार्क गए थे ,  परन्तु उसने ये कभी पहनी नहीं क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी , और इसलिए इसे बचा कर रखा था। उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया , उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी। उसने रोते हुए मेरी और देखा और कहा - किसी भी खास मौके के लिए कभी भी कुछ भी मत बचा के रखना , जिंदगी का हर एक दिन खास मौका है , कल का कुछ भरोसा नहीं है। मुझे लगता है ,  उसकी उन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी। मित्...

कहानी संग्रह

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 ( इसमें चार कहानियां हैं जरूर पढ़ें ) कहानी   एक मन्दिर था ।   उसमें सभी लोग पगार पर थे। आरती वाला , पूजा कराने वाला आदमी , घण्टा बजाने वाला भी पगार पर था ... घण्टा बजाने वाला आदमी आरती के समय , भाव के साथ इतना मसगुल हो जाता था कि होश में ही नहीं रहता था। घण्टा बजाने वाला व्यक्ति पूरे भक्ति भाव से खुद का काम करता था।मन्दिर में आने वाले सभी व्यक्ति भगवान के साथ साथ घण्टा बजाने वाले व्यक्ति के भाव के भी दर्शन करते थे।उसकी भी वाह वाह होती थी ... एक दिन मन्दिर का ट्रस्ट बदल गया , और नये ट्रस्टी ने ऐसा आदेश   जारी किया कि अपने मन्दिर में      काम करते सब लोग पढ़े लिखे होना जरूरी है। जो पढ़े लिखें नही है , उन्हें निकाल दिया जाएगा।   उस घण्टा बजाने वाले भाई को   ट्रस्टी ने कहा कि    ' तुम्हारी आज तक का पगार ले लो। कल से तुम नौकरी पर मत आना। ' उस घण्टा बजाने वाले व्यक...

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