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लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा.

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श्रावक के १४ नियम जो हमें रोज़ लेने चाहिये

श्रावक के १४ नियम जो हमें रोज़ लेने चाहिये 

Upvas Pachkan ekasana pachkan for jain in hindi

Jain Pachkan

आचार्य श्रीमद विजय राजेंद्र सूरी जी महाराज साहेब

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Acharya Rajendra Suriji Maharaj Saheb

श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन तीर्थ, पाटन (गुजरात) Shankheshwar Parshwanath

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  श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन तीर्थ, पाटन (गुजरात) Shankheshwar Parshwanath

जैन धर्म मे भगवान श्री कृष्ण की महिमा

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  जैन धर्म मे भगवान श्री कृष्ण की महिमा

what is Renunciation tyag diksha saiyam kya hai

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what is Renunciation

Maun Ekadashi

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  Maun Ekadashi

जैन धर्म में लेश्या क्या है ?

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Six Universal Substances (Dravyas)

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QUESTIONS AND ANSWERS ABOUT JAINISM –1 True Facts

QUESTIONS AND ANSWERS ABOUT JAINISM –1

UNIVERSAL UNANSWERED QUESTIONS ELEVEN DOUBTS: MAHAVIR SWAMI IN DEEP MEDITATION (kewal gyan)

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UNIVERSAL UNANSWERED QUESTIONS DOUBTS OF EACH HUMAN LIFE PERSON ? WHAT IS LIFE ?  WHO AM I ? LIFE AFTER DEATH? WHY IS MY EXISTENCE? WHERE IS SOUL ? WHERE IS ATMA?  WHY CANT I SEE ATMA ? KARMA ? REBIRTH? GREATEST MYSTERIES OF HUMANS: SCIENCE: THE ELEVEN DOUBTS: Tirthankar Bhagwan MAHAVIR SWAMI IN DEEP MEDITATION:  JAINISM: JAIN RELIGION:

SHRI NAMSAKAR MAHAMANTRA - श्री नवकार (नमस्कार मंत्र​)

SHRI NAMSASKAR MAHAMANTRA

Five Great Vows Maha-vratas पाँच महाव्रत jain religion

Five Great Vows (Maha-vratas)

Nine Tattvas Principles नौ तत्त्व सिद्धांत

       Nine Tattvas (Principles) 9 TATTVAS

A Treatise On Jainism - Chapter 1

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चिन्तन-कण : उमेश मुनि द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Chintan Kan : by Aacharya Umesh Muni ji maharaj Hindi PDF Book

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क्या आप जानते है कैसे हुई श्री दशवैकालिक सूत्र की रचना

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आचार्य श्री शय्यंभवसूरिजी महाराज साहेब

कर्मो को समभाव पूर्वक सहन करना सीख लिया तो बार बार के जन्म मरण से उसका छुटकारा मिल जाता है ~ प्रवर्तक श्री जिनेंद्र मुनिजी म.सा

व्यक्ति हंस हंस कर कर्म तो कर लेता है।परन्तु जब किये हुवे कर्म उसके उदय में आते है तो,उन्हें सहन नही कर पाता है।व्यक्ति द्वारा किये गए कर्मो को समभाव पूर्वक सहन करना सीख लिया तो बार बार के जन्म मरण से उसका छुटकारा मिल जाता है।जीवन मे व्यक्तियों को सरलता,समभाव और क्षमा शीलता लाना चाहिए। उक्त उदगार , जिनशासन गौरव,आचार्य श्री उमेशमुनि जी म.सा.के सुशिष्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्र मुनि जी म.सा. ने जैन स्थानक,लिमडी में धर्मसभा को संबोधित करते हुवे व्यक्त किये। आपने आगे कहा कि,आज का व्यक्ति सहनशीलता नही रखने से कई परेशानियों को अपने सामने खड़ा करता हुआ कहता है कि,अब कब तक हम सहन करते रहेंगे।वीतराग परमात्मा अपनी देशना में फरमाते है कि,मानव जीवन मे जो यहां सहन करना सीख लेता है,उनका समाधन होकर सहन करने की कला से वह कर्मो की निर्जरा की करके अपने-अपने मन मे शुद्ध भावों का समावेश कर लेता है।व्यक्तियों को अपने मन मे कभी बुरे भाव और आर्द्ध ध्यान नही करना चाहिए। इस मानव जीवन में समभाव और संयम को धारण कर आत्मा को परमात्मा की और अग्रसर करने का आव्हान किया। आपने आगे कहा कि,वह सुख भी किस काम का जिसमे हमार...

धार्मिक पहेलियाँ

  धार्मिक पहेलियाँ  

सुपात्र दान (गोचरी) देने के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना आवशयक है

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सुपात्र दान  GOCHARI  गोचरी 🔺साधू-साध्वी जो अपने जीवन निर्वाह के लिए शुद्ध आहार--पानी ग्रहण करते है, उसे गोचरी कहते है। पंच महाव्रतधारी साधु-साध्वियों को श्रावक निर्दोष आहार--पानी बहरावें, उसे सुपात्र दान कहते है। सुपात्र दान देने से कर्मो की महान् निर्जरा होती है! सुपात्र दान देने के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना आवशयक है--- 🔸असूझता व्यक्ति दरवाजा ना खोले यानि कच्चा पानी, हरी सब्जी या Electronics घड़ी, मोबाइल आदि से संयुक्त हो, तो दरवाजा नहीं खोलना, बहराने के लिए भी आगे नहीं आना। घंटी नहीं बजाना, फूँक नहीं मारना, चुटकी-ताली नहीं बजाना। 🔸सात--आठ कदम सामने लेने जावे। सिर झुकाकर "मत्थेएण  वंदामि" बोले ।  🔸महाराज साहब को देखकर लाईट--पंखा, टी.वी. आदि को ऑन-ऑफ न करें, जैसे है वैसे ही रहने देवें । 🔸कच्चा पानी, हरी वनस्पति, ऊग सके ऐसे बीज जैसे राई, सरसों, धनिया, कच्चा जीरा, कच्चा नमक आदि पदार्थो को तथा कच्चा सलाद, अंकुरित धान्य, फ्रिज, अग्नि से स्पर्श किये हुए पदार्थो को बहराने के लिये नहीं उठाएँ । 🔸आहार-पानी के बाद औषध- भेषज, वस्त्र, पा...

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