Know which work you will do according to the horoscope
आप कौन सा कार्य करेंगे जानिए कुंडली के अनुसार
बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि कौन सा व्यापार फलीभूत होगा या क्या मुझे प्राइवेट या सरकारी नौकरी करना चाहिए?
कुंडली के अनुसार मुझे कौन सा कार्य करना चाहिए जिसमें मुझे सफलता मिले। इन्हीं प्रश्नों के समाधान के लिए यहां प्रस्तुत हैं कुछ सामान्य जानकारियां।
आप निम्नलिखित ग्रहों के आधार पर ही अपना करियर चुनेंगे तो जल्दी सफलता मिलेगी।
दशम भावस्थ नवग्रह फल-
सूर्य : दशम भाव में स्थित मेष, कर्क, सिंह या धनु राशि का सूर्य सैन्य या पुलिस अधिकारी बनाता है जबकि वृश्चिक राशि का सूर्य चिकित्सा अधिकारी बनाता है।
चंद्र- इस भाव में यदि शुभ चंद्र बली होकर बैठा है तो जातक को दैनिक उपयोग में आनेवाली वस्तुओं का व्यापार करना चाहिए उससे वह लाभ प्राप्त करेगा। लेकिन यदि मंगल या शनि की युति हो तो असफलता मिलेगी।
मंगल- मेष, सिंह, वृश्चिक या धनु राशि का मंगल जातक को चिकित्सक और सर्जन बनाता है लेकिन यदि मंगल का सूर्य से संबंध हो तो व्यक्ति सुनार या लोहार का कार्य करेगा।
बुध- लग्नेश, द्वितीयेश, पंचमेश, नवमेश या दशमेश होकर कन्या या सिंह राशि का बुध गुरु से दृष्ट या युत हो तो व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी सफलता अर्जित करता है। वह प्रोफेसर या लेक्चरर बन सकता है।
हालांकि बुध के प्रभाव से जातक बैंककर्मी या बैंक से संबंधित कार्य भी कर सकता है। लेकिन यदि बुध शुक्र के साथ या शुक्र की राशि में हो तो जातक फिल्म या विज्ञापन से संबंधित व्यवसाय करता है।
बृहस्पति- बृहस्पति का संबंध नवम भाव से है। लेकिन यदि वह दशम भाव में स्थित है तो वह नीच का माना जाता है। लेकिन बृहस्पति का संबंध जब नवमेश से हो तो व्यक्ति धार्मिक कार्यों द्वारा धन अर्जित करता है।
बृहस्पति यदि बलवान और राजयोगकारक हो तो जातक को न्यायाधीश बना देता है। लेकिन बृहस्पति मंगल के प्रभाव में हो तो जातक फौजदारी वकील बनता है।
शुक्र- दशम भाव में स्थित शुक्र जातक को सौंदर्य प्रसाधन सामग्री, फैंसी वस्तुओं आदि का निर्माता या विक्रेता बनाता है। शुक्र का संबंध द्वितीयेश, पंचमेश या बुध से हो तो जातक गायन और वादन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
शनि- यदि दशम भाव में बलवान शनि का मंगल से संबंध हो तो जातक इलेक्ट्रॉनिक फिल्म में कार्य करता है। यदि बुध से संबंध हो तो मैकेनिकल इंजीनियर बनता है।
शनि का संबंध यदि चतुर्थ भाव या चतुर्थेश से हो तो जातक तेल, कोयला, लोहा आदि के व्यापार से धन अर्जित करता है। लेकिन यदि शनि का राहु से संबंध हो तो व्यक्ति चमड़े, रैक्जीन, रबर आदि के व्यापार में सफल होता है।
राहु- राहु यदि मिथुन राशि का होकर दशम भाव में स्थित हो तो जातक राजनीति, सेना, पुलिस या रेलवे के क्षेत्र में कार्य करता है।
केतु- दशम भाव का केतु धनु या मीन में हो तो जातक व्यापार में सफलता प्राप्त कर खूब वैभव, धन और यश कमाता है, बशर्ते कि उसके शत्रु ग्रह उसके साथ न हो या वह शत्रु ग्रहों से दृष्ट न हो।
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