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Showing posts from May, 2020

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Aaj ka rashifal or panchang 28-05-2020

DIVINE-FIND-COUNT-BINGO-WINDFALL-NOW   👉❤*संभावित राशिफल2⃣8⃣❣0⃣5⃣❣ 2⃣0⃣2⃣0⃣ ❣ 👉 ☯🌼28का जैन पंचांग 🌼☯     

16 वे तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान का तप और मोक्ष कल्याणक दिन है

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16वे तीर्थंकर, 5 वे चक्रवर्ती और 12 वे कामदेव ऐसे  तीन पद के धारी देवाधिदेव शांतिनाथ का गुरुवर, ज्येष्ठ कृष्णा चतुर्दशी, वी. सं.2546,दि.21 मई  2020  को जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक दिन है । सभी धर्मप्रेमियों को हार्दिक बधाई और मंगल शुभकामनायें।

जैन धर्म का प्रवेश द्वार Jain dharm ka pravesh dwar

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🎊 *जैनधर्म का प्रवेश-द्वार* 🎊 *

जानिए क्या कहा जैन मुनि शिवाचार्य जी ने lockdown 4 के बारे मे

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श्रमण संघ जयवंत हो  जय महावीर ॥ जय आत्म ॥ ॥ जय आनन्द ॥ ॥ जय देवेन्द्र ॥ ॥ जय ज्ञान॥ ॥ जय शिव आचार्य ||  आध्यात्मिक संदेश  चातुर्मास हेतु वाहन विहार निषेध आत्मार्थी साधु साध्वीवृंद एवं श्रावक श्राविकाओं से निवेदन हैं कि- चातुर्मास काल ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है अधिकांश साधु साध्वीओं को अपने पूर्व घोषित चातुर्मास स्थल की ओर बढ़ने की भावना हो रही है। वर्तमान में कोरोना वायरस का प्रकोप जिस प्रकार चल रहा है उससे ऐसा लगता है कि यह लंबा चलेगा, फिर भी सबको सावधानी रखना अनिवार्य है। भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पूर्ण पालन आवश्यक है। अधिकांश साधु साध्वीयोंने सैकड़ों किलोमीटर के विहार का कार्यक्रम परिवर्तित किया है और वे अभी जहां विराजमान है उसके आसपास के क्षेत्र में उन्होंने अपना चातुर्मास घोषित किया है। यह अभिनंदनीय है। लॉकडाउन 4 के नियम शीघ्र ही हमारे सामने आने वाले हैं। सरकारी नियमों का पालन राज आज्ञा है तथा संघ समाचारी का पालन देव आज्ञा है, दोनों का उल्लंघन करने वाला साधु साध्वी तीसरे महाव्रत में दोष का भागी बनता है। ...

भीषण गर्मी में विहार करते है (कविता)

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भीषण गर्मी मे भी  साधु भगवंत जी विहार करते

जैन धर्म मे कोरोना महामारी से बचने का उपाय

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भारतवर्ष में 2500 वर्ष पूर्व मास्क का अविष्कार करने वाले जैन धर्म के इन पांच आदर्शों पर इस समय पूरी दुनिया चल रही है।

श्रावक के 14 नियम

श्रावक के 14 नियम जो हमें रोज़ लेने चाहिये ..... *१. सचित्त :- सचित्त अर्थात जिस पदार्थ में जीव राशि है । इसमें सचित पदार्थो के सेवन की दैनिक मर्यादा रखी जाती है। सचित्त पदार्थ वे है . जैसे कच्ची हरी सब्जी , कच्चे फल , नमक , कच्चा पानी, कच्चा पूरा धान आदि का सम्पूर्ण त्याग अथवा इतनी संख्या से अधिक उपयोग नही करूँगा ऐसा नियम करना । ( 3, 5 ,7 आदि ) *२ . द्रव्य :- खाने – पीने की वस्तु / द्रव्य की प्रतिदिन मर्यादा रखनी है , इसमें पदार्थो की संख्या का निश्चय किया जाता है । भिन्न भिन्न नाम व स्वाद वाली वस्तुएं इतनी संख्या से अधिक खाने के काम में नहीं लूँगा । जैसे खिचड़ी , रोटी, दाल, शाक, मिठाई, पापड़, चावल आदि की मर्यादा करना । (11, 15, 21  आदि ) *३ . विगई :- प्रतिदिन दूध, दही, घी, तेल और मीठा (घी या तेल में तली हुई वस्तुएँ) ये 5 सामान्य विगई है और मक्खन एवं शहद महाविगई है। इनका यथाशक्ति त्याग करना या रोज कम से कम 1 विगई का त्याग करना, एवं अन्य विगई की मर्यादा करना। *४. उपानह (वहाण) :- जूता, मोजा, चप्पल, आदि पाँव में पहनने की चीजो की मर्यादा रखें । ( 3, 5 ,7 आदि ) *५.तम्बो...

सुपात्र दान (गोचरी) देने के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना आवशयक है

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सुपात्र दान  GOCHARI  गोचरी 🔺साधू-साध्वी जो अपने जीवन निर्वाह के लिए शुद्ध आहार--पानी ग्रहण करते है, उसे गोचरी कहते है। पंच महाव्रतधारी साधु-साध्वियों को श्रावक निर्दोष आहार--पानी बहरावें, उसे सुपात्र दान कहते है। सुपात्र दान देने से कर्मो की महान् निर्जरा होती है! सुपात्र दान देने के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना आवशयक है--- 🔸असूझता व्यक्ति दरवाजा ना खोले यानि कच्चा पानी, हरी सब्जी या Electronics घड़ी, मोबाइल आदि से संयुक्त हो, तो दरवाजा नहीं खोलना, बहराने के लिए भी आगे नहीं आना। घंटी नहीं बजाना, फूँक नहीं मारना, चुटकी-ताली नहीं बजाना। 🔸सात--आठ कदम सामने लेने जावे। सिर झुकाकर "मत्थेएण  वंदामि" बोले ।  🔸महाराज साहब को देखकर लाईट--पंखा, टी.वी. आदि को ऑन-ऑफ न करें, जैसे है वैसे ही रहने देवें । 🔸कच्चा पानी, हरी वनस्पति, ऊग सके ऐसे बीज जैसे राई, सरसों, धनिया, कच्चा जीरा, कच्चा नमक आदि पदार्थो को तथा कच्चा सलाद, अंकुरित धान्य, फ्रिज, अग्नि से स्पर्श किये हुए पदार्थो को बहराने के लिये नहीं उठाएँ । 🔸आहार-पानी के बाद औषध- भेषज, वस्त्र, पा...

जाने हिंदू धर्म और संस्कृति के बारे मे

हिंदुओं जानो अपने धर्म और संस्कृति के बारे मे

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