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लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा.

लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा. 


रतलाम, 13 जुलाई 2025। आचार्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. के सुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तक पूज्य श्री जिनेंद्रमुनिजी म. सा. आदि ठाणा - 9 वर्षावास हेतु डीपी परिसर लक्कड़ पीठा पर विराजित है। वही पुण्य पुंज साध्वी श्री पुण्यशीलाजी म.सा. आदि ठाणा - 10 गौतम भवन सिलावटों का वास पर विराजित है। प्रवर्तक जिनेंद्रमुनिजी म.सा., मुनि मंडल व साध्वी मंडल के सानिध्य में वर्षावास में ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की विशिष्ट आराधना यहां हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं, उत्साहपूर्वक आराधना में भाग ले रहे हैं। यहां डीपी परिसर पर नियमित चल रही धर्मसभा के दौरान रविवार को आयोजित धर्मसभा में पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा. ने फरमाया कि जीव की जितनी रुचि श्रद्धा में होती है, उतनी आचरण में नहीं होती। 

यह ठीक उस प्रकार है, जैसे कोई व्यक्ति बड़ी-बड़ी बातें करें और स्वयं उसका पालन नहीं करें। आपका आचरण अच्छा होगा और लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा। आचरण के दो भेद सदाचार और दुराचार, हमें इनमें से क्या समझना है? यदि पाप को पाप नहीं माना तो वह उसकी श्रद्धा होती है, जिन्हें मोक्ष की श्रद्धा है, उन्हें पुरुषार्थ करना होगा और लगातार अभ्यास करना है। आप स्वयं आकलन करे कि आप यदि कोई पाप पर श्रद्धा कर रहे हैं और जानकारी होने के  बाद भी कर रहे हैं तो यह गलत है या नहीं? संसार में रहते पाप क्रिया नहीं छूटती है। पाप क्रिया छोड़ने योग्य है। अपने जीवन में पाप क्रिया को घटाने का प्रयास करूं ऐसा संकल्प ले। जीव को आचरण करने की श्रद्धा होती है लेकिन सामर्थ्य के अभाव में कर नहीं पाता है। वर्तमान में हम अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं या नहीं। माता-पिता अपने बच्चों को कौन से आचरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं? संसार में आप जो सावध्य प्रवृत्ति करते हो वह दुराचार है। इससे पुण्याई कम होती हैं, इसलिए इन्हें छोड़ना होगा। आप प्रभु पर श्रद्धा करें और मोक्ष का लक्ष्य लेकर पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ते रहें।

रत्नपुरी गौरव सुहासमुनिजी म.सा. ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए जीव को लक्ष्य लेकर उस पर चलना होगा। ठीक उसी तरह से जिस प्रकार बच्चे बचपन में लक्ष्य कर लेते हैं कि उन्हें क्रिकेटर बनना है, तो वह उसे देखा है और दिन-रात उसके लिए मेहनत करता है। वैसे ही जीव को भी मोक्ष प्रताप का लक्ष्य तय कर कुछ और आगे बढ़ाना चाहिए। मोक्ष की अभिलाषा को तीव्र करना होगा।


धर्मसभा में साध्वी मंडल ने स्तवन प्रस्तुत किया । रविवार को धर्मसभा में सरला झामर ने 19 उपवास, मनस्वी भंडारी ने 13 उपवास, वीर पिता दिनेश पटवा ने 12 उपवास, वीर पिता व श्री संघ के मार्गदर्शक ललित गांधी एवं दिलीप कोठारी ने  7 - 7 उपवास ,  वही 9 उपवास के अलावा बड़ी संख्या में श्रावक -श्राविकाओ ने 4 -  4 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। वही कई आराधको ने विविध तप के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। रविवार को धर्मसभा में उज्जैन, बदनावर, पेटलावद आदि कई स्थानों के श्रावक श्राविकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। अणु कृपा नवयुवक मंडल बदनावर के  50 नवयुवक भी उपस्थित हुए। नवयुवक मंडल की ओर से आशीष खेमसरा ने प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी म . सा . से सन 2027 का वर्षावास बदनावर में करने की पुरजोर विनती की। वही सन 2026 में किसी भी साधु साध्वीजी का वर्षावास प्रदान करने की विनती भी रखी। संचालन अणु मित्र मंडल के मार्गदर्शक वीर भ्राता राजेश कोठारी ने किया ।

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