15 August Kavita , Independence Day Poem In Hindi
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बच्चों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर बाल कविता
सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुलें हैं उसकी, वो गुलसिताँ हमारा [ सारे जहाँ…..]
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा [ सारे जहाँ…..]
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा [ सारे जहाँ…..]
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा [ सारे जहाँ…..]
15 August Independence Day Poem Kavita In Hindi
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता दिवस पर बाल कविता हिंदी में
Independence Day Poem In Hindi
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, आजादी का मतलब नहीं समझते
इस दिन पर स्कूल में तिरंगा है फहराते, गाकर अपना राष्ट्रगान तिरंगे का सम्मान करते
कुछ देशभक्ति की झांकियों से, दर्शकों को मोहित है करते
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, आजादी का सिर्फ यही अर्थ है समझते
वक्ता अपने भाषणों में, न जाने क्या-क्या है कहते
उनके अन्तिम शब्दों पर, बस हम तो ताली है बजाते
हम नन्हें-मुन्ने है बच्चे, आजादी का अर्थ सिर्फ इतना ही है समझते
विद्यालय में सभा की समाप्ति पर, गुलदाना है बाँटा जाता
भारत माता की जय के साथ, स्कूल का अवकाश हो जाता
शिक्षकों का डाँट का डर, इस दिन न हमको कोई सताता
छुट्टी के बाद पतंगबाजी का, लुफ्त बहुत है आता
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, बस इतना ही समझते
आजादी के अवसर पर हम, खुल कर बहुत ही मस्ती है करते
15 August Independence Day Poem Hindi Kavita
आज़ाद माँ के सपूत, नसों में गर्क हो रहे हैं
अँधेरे में घिर चुके जो, उन्हें रौशनी दिखा दे
वतन की खातिर, ख़ुशी से जान भी दे दें
आन सलामत रहे वतन की, एहसास दिलादे
नारी मेरे वतन की, सीता भी है, झांसी भी
बस बेगानी सभ्यता से, थोडा सा बचा दे
चाँद को छूने वाला दिल, क्या नहीं कर सकता
मेरे हर भारत वासी को, नित नया हौसला दे
हम हैं हिन्दुस्तानी, हमारी शान हिन्दुस्तान
हमारी आन है तिरंगा, हर जान को सिखा दे
‘कुरालीया ‘ क़र्ज़, इस धरती का चुकाना लाजिम है
बची हर सांस अपनी, बस राह में वतन की लगा दे
वतन से प्यार का ज़ज्बा, हर दिल में जगा दे
वो शमा भगत सिंह वाली, रग रग में जला दे…
15 अगस्त कविता
Poem On Independence Day In Hindi For Nursery Class
नन्हे – नन्हे प्यारे – प्यारे, गुलशन को महकाने वाले
सितारे जमीन पर लाने वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के
नए जमाने के दिलवाले, तूफ़ानो से ना डरने वाली
कहलाते हैं हिम्मत वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के
चलते है हम शान से, बचाते हैं हम द्वेष से
आन पे हो जाएँ कुर्बान, हम बच्चे है हिंदुस्तान के
सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुलें हैं उसकी, वो गुलसिताँ हमारा
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा
सारे जहाँ से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा,
15 August Swatantrata Diwas Poem Hindi Kavita
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, आजादी का मतलब नहीं समझते
इस दिन पर स्कूल में तिरंगा है फहराते, गाकर अपना राष्ट्रगान तिरंगे का सम्मान करते
कुछ देशभक्ति की झांकियों से, दर्शकों को मोहित है करते
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, आजादी का सिर्फ यही अर्थ है समझते
वक्ता अपने भाषणों में, न जाने क्या-क्या है कहते
उनके अन्तिम शब्दों पर, बस हम तो ताली है बजाते
हम नन्हें-मुन्ने है बच्चे, आजादी का अर्थ सिर्फ इतना ही है समझते
विद्यालय में सभा की समाप्ति पर, गुलदाना है बाँटा जाता
भारत माता की जय के साथ, स्कूल का अवकाश हो जाता
शिक्षकों का डाँट का डर, इस दिन न हमको कोई सताता
छुट्टी के बाद पतंगबाजी का, लुफ्त बहुत है आता
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, बस इतना ही समझते
आजादी के अवसर पर हम, खुल कर बहुत ही मस्ती है करते.
15 August Swatantrata Diwas Short Poem Hindi Kavita
नन्हे – नन्हे प्यारे – प्यारे, गुलशन को महकाने वाले
सितारे जमीन पर लाने वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के
नए जमाने के दिलवाले, तूफ़ानो से ना डरने वाली
कहलाते हैं हिम्मत वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के
चलते है हम शान से, बचाते हैं हम द्वेष से
आन पे हो जाएँ कुर्बान, हम बच्चे है हिंदुस्तान के
15 August Swatantrata Diwas Long Poem Aajadi Hindi Kavita
आज़ाद माँ के सपूत, नसों में गर्क हो रहे हैं
अँधेरे में घिर चुके जो, उन्हें रौशनी दिखा दे
वतन की खातिर, ख़ुशी से जान भी दे दें
आन सलामत रहे वतन की, एहसास दिलादे
नारी मेरे वतन की, सीता भी है, झांसी भी
बस बेगानी सभ्यता से, थोडा सा बचा दे
चाँद को छूने वाला दिल, क्या नहीं कर सकता
मेरे हर भारत वासी को, नित नया हौसला दे
हम हैं हिन्दुस्तानी, हमारी शान हिन्दुस्तान
हमारी आन है तिरंगा, हर जान को सिखा दे
‘कुरालीया ‘ क़र्ज़, इस धरती का चुकाना लाजिम है
बची हर सांस अपनी, बस राह में वतन की लगा दे
वतन से प्यार का ज़ज्बा, हर दिल में जगा दे
वो शमा भगत सिंह वाली, रग रग में जला दे
15 August Kavita Independence Day Poem in Hindi for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12
जिस देश का कण-कण सोना हो, जिस देश की नारी देवी हो
जिस देश में गंगा बहती है, उस देश को भारत कहते हैं
जहां भाई-भाई में प्रेम हो, भाईचारे का नेम हो
जहां जात-पांत का भेद न है, उस देश को भारत कहते हैं
जहां नभ से भू का नाता है, जहां धरा हमारी माता है
जहां सत्य धर्म मन भाता है, उस देश को भारत कहते हैं !
15 August Hindi Kavita Independence Day Poem In Hindi Short
लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरो की गाथा गायी,
गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की,
ध्वनि चारो और है छायी,
भगत , राजगुरु और , सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई,
ऐ भारत माता तुझसे अनोखी
और अद्भुत माँ न हमने पाय ,
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की,
एक एक बूँद समायी
माथे पर है बांधे कफ़न
और तेरी रक्षा की कसम है खायी,
सरहद पे खड़े रहकर
आजादी की रीत निभाई !
15 अगस्त कविता
इंडिपेंडेंस डे पोएम इन हिंदी
स्वतंत्रता दिवस का पावन अवसर है, विजयी-विश्व का गान अमर है
देश-हित सबसे पहले है, बाकि सबका राग अलग है
आजादी के पावन अवसर पर, लाल किले पर तिरंगा फहराना है
श्रद्धांजलि अर्पण कर अमर ज्योति पर, देश के शहीदों को नमन करना है
देश के उज्ज्वल भविष्य की खातिर, अब बस आगे बढ़ना है
पूरे विश्व में भारत की शक्ति का, नया परचम फहराना है
अपने स्वार्थ को पीछे छोड़ककर, राष्ट्रहित के लिए लड़ना है
बात करे जो भेदभाव की, उसको सबक सिखाना है
स्वतंत्रता दिवस का पावन अवसर है, विजयी-विश्व का गान अमर है
देश-हित सबसे पहले है, बाकि सबका राग अलग है
15 August Independence Day Poem In Hindi
15 अगस्त का दिन है आया
लाल किले पर तिरंगा है फहराना
ये शुभ दिन है हम भारतीयों के जीवन का
इस दिन देश आजाद हुआ था
न जाने कितने शहीदों के बलिदानों पर
हमने आजादी को पाया था
भारत माता की आजादी की खातिर
वीरों ने अपना सर्वश लुटाया था
उनके बलिदानों की खातिर ही
भारत को नई पहचान दिलानी है
खुद को बनाकर एक विकसित राष्ट्र
एक नया इतिहास बनाना है
जाति-पाति, ऊँच-नीच के भेदभाव को मिटाना है
हर भारतवासी को अब अखंडता का पाठ है सिखाना
वीर शहीदों की कुर्बानियों को अब व्यर्थ नहीं है गवाना
राष्ट्र का उज्ज्वल भविष्य बनाकर, आजादी का अर्थ है समझाना
15 अगस्त का कविता
15 August Independence Day Poem In Hindi
भारत माँ के अमर सपूतो, पथ पर आगे बढ़ते जाना
पर्वत, नदिया और समन्दर, हंस कर पार सभी कर जाना
तुममे हिमगिरी की ऊँचाई सागर जैसी गहराई है
लहरों की मस्ती और सूरज जैसी तरुनाई है तुममे
भगत सिंह, राणा प्रताप का बहता रक्त तुम्हारे तन में
गौतम, गाँधी, महावीर सा रहता सत्य तुम्हारे मन में
संकट आया जब धरती पर तुमने भीषण संग्राम किया
मार भगाया दुश्मन को फिर जग में अपना नाम किया
आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना
भारत के उन्नत ललाट को जग में ऊँचा और उठाना
Poem In Hindi On Independence Day For India
आपसी कलह के कारण से, वर्षों पहले परतंत्र हुआ
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस, को अपना देश स्वतंत्र हुआ
उन वीरों को हम नमन करें, जिनने अपनी कुरबानी दी
निज प्राणों की परवाह न कर, भारत को नई रवानी दी
उन माताओं को याद करें, जिनने अपने प्रिय लाल दिए
मस्तक मां का ऊंचा करने, को उनने बड़े कमाल किए
बिस्मिल, सुभाष, तात्या टोपे, आजाद, भगत सिंह दीवाने
सिर कफन बांधकर चलते थे, आजादी के यह परवाने
देश आजाद कराने को जब, पहना केसरिया बाना
तिलक लगा बहनें बोली, भैया, विजयी होकर आना
माताएं बोल रही बेटा, बन सिंह कूदना तुम रण में
साहस व शौर्य-पराक्रम से, मार भगाना क्षणभर में
दुश्मन को धूल चटा करके, वीरों ने ध्वज फहराया था
जांबाजी से पा विजयश्री, भारत आजाद कराया था
स्वर्णिम इतिहास लिए आया, यह गौरवशाली दिवस आज
श्रद्धा से नमन कर रहा है, भारत का यह सारा समाज
जय हिन्द हमारे वीरों का, सबसे सशक्त शुभ मंत्र हुआ
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस, को अपना देश स्वतंत्र हुआ
15 August Par Hindi Kavita
15 अगस्त कविता हिंदी में
आज तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी।
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।।
व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया।
हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।।
हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।।
प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर।
हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।।
लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है।
उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।।
हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे।
सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।।
विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
Kavita On 15 August In Hindi
Independence Day Poem In Hindi Font
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा
सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला, मातृभूमि का तन-मन सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा……..
स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में
काँपे शत्रु देखकर मन में, मिट जाये भय संकट सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा……….
इस झंडे के नीचे निर्भय, हो स्वराज जनता का निश्चय
बोलो भारत माता की जय, स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा…………….
आओ प्यारे वीरों आओ, देश-जाति पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिलकर गाओ, प्यारा भारत देश हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा……….
इसकी शान न जाने पावे, चाहे जान भले ही जावे
विश्व-विजय करके दिखलावे, तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा………
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