वीर भज ले रे भाया | Veer Bhj Le Re Bhaya

 वीर भज ले रे भाया | Veer Bhj Le Re Bhaya


वीर भज ले रे भाया, वीर भज ले,

जरा सा कहना म्हारा मान ले तू वीर भज ले |


मुट्ठी बाँधे आयो जगत में, हाथ पसारे जासी है रे |

जरा धर्मरि कर ले कमाई, यही आड़ी आसी |(1)


जवानी की अकडाही में तू, टेड़ो टेड़ो चाले |

पर तन्ने इतनी नहीं मालूम रे काई होसी काले |(2)


मोह माया में फूल रहा तू, कर रहा थारी म्हारी |

और ज्ञान धर्म की बात कहे तो लगती तुझको खारी |(3)


छोटी मोटी बनी हवेली यही पड़ी रेहजासी |

और दो गज कफ़न का टुकड़ा तेरा साथ निभासी |(4)


तू मेहमान है चार दिना का, मत ना भूले भाई |

काल के काजी आएंगे तब कंठ पकड़ ले जैसी |(5)


हरख-हरख कर कहे हरख चंद ये मौका नहीं आसी |

प्रभु भजन बिन अरे बावरे तू पीछे पछतासी |(6)


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