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Teachers Day Anchoring Script in Hindi | शिक्षक दिवस एंकरिंग स्क्रिप्ट | Teachers Day Anchoring Script for School Program
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हम एक बेहतर इंसान तो बन गए है
पढ़ लिख कर विद्धवान तो बन गए है
अगर गिरते है तो संभलना सिख गए है
किस रास्ते पे चलना है वो भी समझ गए है
कहा इन्वेस्ट करना है और किस चीज़ से दूर रहना है यह भी सिख गए है
सही और गलत के बीच का फर्क करना सीख गए है।
पर इन सबका credit किसको जाता है
वही जो डेबिट कार्ड बनकर घूमता है
और हमारी सफलता में मंद मंद मुस्कुराता है
वह गुरु ही है
जो हमे एक बेहतर इंसान बनाता है।
Hello everyone सादर नमस्कार
जैसा कि हम सब जानते है आज का दिन हम विद्यार्थियों के लिए बहुत खास है क्योंकि आज टीचर्स डे है तो मिलकर इस दिन को यादगार बनाते है और सब टीचर्स को दिल से धन्यवाद देते है।
आओ एक खूबसूरत सी सुबह की खूबसूरत शरुआत करते है
यहां उपस्थित सभी गुरुजनों को हम प्रणाम करते है
TEACHERS DAY PROGRAM का सुंदर सा आगाज़ करते है
और इस दिन को टीचर्स के लिए और खास बनाते है।
A warm welcome to respected principal sir, all my teachers, and my dear students,
इस कार्यक्रम को start करने से पहले में सरस्वती वंदना के लिए झिलमिल और group को stage पे आमंत्रित करती हूं।
अब में principal sir से request करुँगी की वो स्टेज पे आये और विद्यार्थी को आशीर्वचन रूपी शब्दो से अनुग्रहित करे ।
Thanku so much sir
क्या तारीफ़ करू में sir आपकी, अल्फ़ाज़ भी कम पड़ जायेंगे
आपकी उपलब्धि को बताने लगी तो सुबह से शाम हो जायेंगी
बस इतना ही कहना चाहुगी-
न हर समुन्द्र में मोती सदा खिलते है
न हर मंज़र में दीप सदा जलते है
पर जिनके खिलने से समस्त उपवन खिल उठे
ऐसे पुष्प उपवन में सदियों बाद ही खिलते है।
Now, I Invite moksh and group for the beautiful skit on teachers…
Thanks moksh and group
Now I invite preeti and group for the dance
Thanku preeti and group
Now I invite all the teachers on stage for the musical chair game…
Now in last you can dedicated some beautiful lines for teachers, it can be poetry, quote..
हमारी गलती पे जो हमें डाँटता है
और सफ़ल होने पे प्रोत्साहित वही करता है
अगर निराश हो जाये तो पास आकर वो हमारे बैठता है
खुशियों से फिर हमारी मुलाकात करवाता है
हमे नयी ऊर्जा से भर देता है
फिर चलने का हौसला भी देता है।
हमसे हमारा परिचय करवाता है
सही और गलत के बीच का फर्क हमे बताता है
उंगली पकड़कर एक कक्षा से दूसरी कक्षा का सफ़र करवाता है
रास्ते मे आयी हर कठिनाई को हँसते हँसते पार करवाता है।
अगर गिर जाए तो
संभलना भी सिखाता है
वह गुरु ही है
जो अंधकार में भी रोशनी के दीप जलाता है।
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