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Shri Rajendra Suri Aarti(श्री राजेन्द्र सूरी आरती)


 








ॐ जय जय गुरुदेवा, स्वामी जय जय गुरुदेवा |

सुरि राजेन्द्र की आरती, कर पा शिव मेवा ||

छत्तीस गुण के धारक, तारक उपकारी |
शत्रु मित्र सम जाने, बाल ब्रह्मचारी ||
धन्य पिता ऋषभाजी, केशर महतारी |
धन्य भरतपुर नगरी, जन्मे गुणधारी ||

मिथ्या तिमिर विनाशक, चिंतामणि जेवा |
मनवांछित फलदाता, करिये गुरु सेवा ||
हुए समधित गुरुवर, श्री मोहनखेड़ा |
करुँ भक्ति तन मन से, पार करो बेड़ा ||
पूज्य यतीन्द्र कृपा से, पूरण हुई आशा |
कुंदन वंदन कर ले, कटे करम पाशा ||
ॐ जय जय गुरुदेवा, स्वामी जय जय गुरुदेवा |
सुरि राजेन्द्र की आरती, कर पा शिव मेवा ||

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