दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से
आंखड़ली चुराकर बाबा जैसी कठे मेरे से
आंखड़ली चुराकर बाबा जैसी कठे मेरे से
खाटू वाले श्याम तेरी शरण में आ गयो
श्याम प्रभु रूप तेरो नैना में समा गयो
बिस्रावे मत बाबा हार मानी तेरे से
आंखड़ली चुराकर बाबा जैसी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से...
बालक हूँ में तेरो श्याम मुझको निभाए ले
दुखड़े को मारो मन्ने कालजे लगायले
पथ दिखला दे बाबा काड ले अँधेरे से
आंखड़ली चुराकर बाबा जैसी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से...
मुरली अधर पे कदम तले झूमे है
भगत खड़या तेरे चरणा ने चूमे है
ख़ाली हाथ बोल कइया जाऊं तेरे डेरे से
आंखड़ली चुराकर बाबा जैसी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से...
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