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लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा.

लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा. 

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मेरे मन में पारसनाथ जैन भजन लिरिक्स

 

मेरे मन में पारसनाथ जैन भजन लिरिक्स

मेरे मन में पारसनाथ,
तेरे मन में पारसनाथ,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।



जैसे फूलों में सुगन्ध,

जैसे कलियों में है रंग,
पत्ते पत्ते पे लिखा है पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।



जैसे नदियों में है गंगा,

जैसे नभ में चमके चंदा,
कतरे कतरे में है बहता पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।



तेरा शंखेश्वर में धाम,

तेरा नागेश्वर में धाम,
तेरा जीरावला में धाम,
तेरा लोदरवा में धाम,
तेरा नेरुल नगर में धाम,
जैसे नाकोड़ा बिराजे पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।



मेरे मन में पारसनाथ,

तेरे मन में पारसनाथ,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।।

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