देशभर मे जैन समाजजनो ने महावीर शासन स्थापना दिवस घरों में मनाया

जिनशासन का 2577 वां स्थापना दिवस भक्तिभाव से मनाया  

रविवार को विश्व भर में जिनशासन का 2577वां स्थापना दिवस धार्मिक आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान समाजजन ने अपने घरों पर शासन ध्वजा फहराई, वहीं सामूहिक सामायिक आराधना करते हुए संसार के सभी जीवों की सुख-शांति के लिए अभयदान की कामना भी की।

चतुर्विध संघ {साधु, साध्वी,श्रावक और श्राविकाए} - YouTube

जानकारी देते हुए संयम मुरार  ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना महामारी के कारण लागू कोरोना कर्फ्यू में किसी भी प्रकार के धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम मंदिरों एवं धर्म स्थानों  में आयोजित नहीं किए जा रहे हैं। इसी के चलते शासन स्थापना दिवस के विशेष अवसर पर नगर के जैन धर्मावलंबियों द्वारा एक सार्थक पहल करते हुए सुबह 9 बजे अपने-अपने घरों में जैन शासन ध्वजा फहराकर ध्वज वंदन किया गया तथा शासन गीत के साथ उत्तम श्रावक की शपथ ली गई। इसके साथ ही नवकार परिवार इंदौर के तत्वावधान में संचालित 'एक सामायिक जिनशासन के नाम' धार्मिक आह्वान को सार्थक बनाते हुए समाजजन ने सामूहिक सामायिक की आराधना करते हुए विश्वभर में फैले भय के वातावरण को अभयता और सकारात्मकता में बदलने के संकल्प के साथ विशेष मंत्र जाप भी किया|

जैन शासन दिवस मनाए जाने के उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि साढ़े 12 वर्ष की कठोर साधना के बाद वैसाख शुक्ल दशमी तिथि को तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने केवल्य ज्ञान की प्राप्ति कर समवशरण में देशना दी और दोबारा वैशाख सुदी एकादशी को देशना दी, जिसे सुनकर अनंत लब्धिनिधाय श्री गौतमस्वामीजी को श्रमण प्रमुख और चंदनबालाजी को साध्वीजी प्रमुख, उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने बारह व्रत स्वीकार किये। भगवान महावीर के समुदाय में 14 हजार मुनि, 36 हजार साध्वीजी और 1 लाख 59 हजार बारह व्रतधारी श्रावक, 3 लाख 18 हजार बारह व्रतधारी श्रविकाएँ थी |

इसके बाद भगवान ने श्रमण प्रधान चतुर्विद् संघ की स्थापना इसी दिन की थी। इनमें साधु-साध्वी, श्रावक एवं श्राविका भी शामिल थे। यह जैन धर्मावलंबियों के लिए बड़ा त्योहार है, इसीलिए सभी समाजजन इसे उत्साह और आस्था के साथ मनाते हैं

🏳️‍🌈शासन स्थापना दिवस के पावन अवसर पर सभी आप सभी महानुभावो को हार्दिक बधाई।

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