🙏नवपद जी की आराधना का परिचय🙏
🙏श्री नवपद ओली 🙏आराधना🙏 ....
📚तप एवं क्रिया की विस्तृत जाणकारी....🙏
🔸अनंत उपकारी भगवान् महावीर की देशना अनुसार नवपद ओली आराधना आत्मकल्याण का सर्वोत्कृष्ट साधन है।🙏
🔸पञ्चपरमेष्ठि (05) सम्यग् दर्शन, ज्ञान, चारित्र (03) एवं तप (01) कुल 09 जिनशासन के 09 रत्नों की यह आराधना है।🙏
🔸एक एक रत्न के जितने गुण है, उतनी क्रियाए की जाती है,जो गुणधर्म का रंग है, उस रंग के खाद्य पदार्थ का आयम्बिल किया जाता है।🙏
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1 प्रथम दिन :
श्री अरिहंत पद आराधना
( रंग - सफेद वर्ण ) काउसग्ग : - 12 लोगस्स
प्रदक्षिणा :-12, खमासमणा :-12,
स्वस्तिक :-12,
आयम्बिल :- चावल का
नवकारवाली :-20,
जापपद : -
*ॐ ह्रीं नमो अरिहंताणं*🙏
2 द्वितीय दिन :
श्री सिद्ध पद आराधना
( रंग - लाल वर्ण ) काउसग्ग :-08 लोगग्स
प्रदक्षिणा : - 08, खमासमणा : -08
स्वस्तिक : - 08, आयम्बिल : गेहूं का
नवकारवाली : - 20
जापपद : -
*ॐ ह्रीं नमो सिद्धाणं*🙏
3 तृतीय दिन :
श्री आचार्य पद आराधना
( रंग - पीला )
काउसग्ग: - 36 लोगस्स
प्रदक्षिणा :- 36, खमासमणा: - 36
स्वस्तिक : - 36, आयम्बिल : - चना दाल का
नवकारवाली : - 20
जापपद : -
*ॐ ह्रीं नमो आयरियाणं*🙏
4 चतुर्थ दिन :
श्री उपाध्याय पद आराधना
( रंग - नीला )
काउसग्ग : - 25 लोगस्स
प्रदक्षिणा :- 25, खमासमणा :-25
स्वस्तिक : - 25, आयम्बिल : - मुंग का
नवकारवाली :- 20,
जापपद :-
*ॐ ह्रीं नमो उवज्झायाणं*🙏
5 पंचम दिन :
श्री साधु पद की आराधना
( रंग - श्याम )
काउसग्ग : - 27 लोगस्स
प्रदक्षिणा : - 27, खमासमणा : - 27
स्वस्तिक : - 27, आयम्बिल : - उड़द का
नवकारवाली - 20,
जापपद :-
*ॐ ह्रीं नमो लोए सव्वसाहूणं*🙏
यहा पढे ⬇
6 छट्ठा दिन :
सम्यग् दर्शन की आराधना
( रंग -सफेद )
काउसग्ग : - 67 लोगस्स
प्रदक्षिणा : - 67,
खमासमणा : - 67
स्वस्तिक : - 67,
आयम्बिल :- चावल का
नवकारवाली : - 20,
*ॐ ह्रीं नमो दंसणस्स*🙏
7 सप्तम दिन :
सम्यग् ज्ञान पद की आराधना
( रंग - सफेद )
काउसग्ग : - 51 लोगस्स
प्रदक्षिणा : - 51,
खमासमणा : - 51
स्वस्तिक : - 51,
आयम्बिल :- चावल का
नवकारवाली :- 20,
जापपद : -
*ॐ ह्रीं नमो नाणस्स*🙏
8 अष्टम दिन :
सम्यग् चारित्र पद की आराधना
( रंग - सफेद )
काउसग्ग : - 70 लोगस्स
प्रदक्षिणा : - 70,
खमासमणा : -70
स्वस्तिक : - 70,
आयम्बिल : - चावल का
नवकारवाली :- 20,
जापपद:-
*ॐ ह्रीं नमो चारित्तस्स*🙏
9 नवम दिन :
सम्यग्तप पद की आराधना
( रंग - सफेद )
काउसग्ग : - 50 लोगस्स
प्रदक्षिणा :- 50,
खमासमणा :- 50
स्वस्तिक :- 50,
आयम्बिल : - चावल का
नवकारवाली :- 20,
जाप पद :-
*ॐ ह्रीं नमो तवस्स*🙏
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नवपद आयंबिल ओली जी (23 अक्टूबर से 31अक्टूबर तक) कैसे करे ,क्या पदार्थ खाने में उपयोग में ले सारी जानकारी नीचे पढे,उसी विधी से आयंबिल तप करे सा जिससे किसी तरह का दोष नहीं लगे
आयंबिल व्रत लेने का पाठ
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पहले 5 नवकार महामन्त्र बोले
आयम्बिलं पच्चक्खामि अन्नत्थाणाभोगेणं सहसागारेणं लेवालेवेणं उक्खितविवेगेणं गिहत्थ-संसट्ठेणं परिटठावणियागारेणं महतरागारेणं सव्वसमाहि वतियागारेणं वोसिरामि
🙏
आयंबिल व्रत पारने का पाठ
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पहले 5 नवकार महामन्त्र बोले
आयंबिल (नवकारसी-पोरसी) पच्चक्खामि कयं तं पच्चक्खाणं सम्मं मणेण वायाए कायेणं फासियं पालियं तीरियं किट्टियं सोहियं आराहियं जं च न आराहियं तस्स मिच्छामि दुक्कडं
आयंबिल व्रत में जो कोई अतिक्रम व्यतिक्रम अतिचार अनाचार सम्बन्धी जानते या अजानते जो कोई पाप दोष लगा हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं
आयंबिल व्रत कैसे करे
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दिन में केवल एक बार एक जगह पर बैठ कर एक पदार्थ का भोजन करें, जैसे केवल चावल ही खाना उसमें चीनी घी नही डालना , केवल भूने हुए चने ही खाना, साबूत गेहूँ को उबालकर खाना यानी केवल एक पदार्थ ही हो उसमे नमक मिर्च तेल घी आदि नही हो । दवाई आदि का प्रयोग नही करे ।
केवल दिन में उबला हुआ (गर्म) पानी को ठण्डा करके उपयोग में लेवे , रात मै पानी नही लेवें, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे
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