Jai Kaare Goonje Dharti Gagan Khusiyo Ka Pal Yeh Aaya Hai
जय कारे गूंजे धरती गगन खुशियों का पल यह आया है ,
यह चेत सुदी तेरस का दिन हो वीर जयंती लाया है ,
यह सारी ज़मी यह सारा गगन महावीर के भक्ति में मस्त मगन ,
छूटे ना छुड़ाये इक पल भी प्रभु से मोहे जो लगे लगन ,
यह किस्मत है मेरी की में सब छोड़ के आयी तेरी शरण ,
काट जाये अब मिट जाये मेरे जन्मो जन्मो के यह जनम मरण ,
तेरे चरणों में सेह पावा तकलीफें सब सेह जावा भक्ति को मिल जाये रंग यूँ ,
हूँ तुजपे वारि जावा तुझे पाके प्रभु इत्रावां भक्ति की मिल जाये रंग यूँ ,
हो...... हो... हो.... हो.. हो. हो.. हो.. हो..
हमम.... हमम ... हमम .हमम .हमम .हमम ...
उजली उजली माँ त्रिशला की चुनरिया किस्मत वाली थी ,
जिसे ममता की चाया करके माता ने वीर पे डाली थी ,
वो वीर मेरा महावीर मेरा भक्तो की आँख का तारा है ,
जिसे चांदना चण्ड कौशिक को इस भाव से पार उतारा है ,
हो.... हो.. हो.... हो.. हो..
तेरे चरणों में सेह पावा तकलीफें सब सेह जावा भक्ति को मिल जाये रंग यूँ ,
हूँ तुजपे वारि जावा तुझे पाके प्रभु इत्रावां भक्ति की मिल जाये रंग यूँ ,
महावीर.................
है जैनी हम यह नाज़ हमें महावीर की राह पे आगे बड़े ,
एक दूजे के खातिर दिल में बस सदा क्षमा का ज्वार छाडे ,
हम वीर की है संतान चले इस पंथ पे जा कुर्बान करे ,
पोहोचाए वीर की वाणी को अब घर घर यह अभियान चले ,
तेरी भक्ति में राम जावा मन मंदिर आनंद पावा भक्ति को मिल जाये रंग यूँ ,
हूँ तुजपे वारि जावा तुझे पाके प्रभु इत्रावां भक्ति की मिल जाये रंग यूँ ,
महा वीर................
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