कभी कभी किसी वर्ग को समझने के लिए हम उसके प्रतिनिधि से वाकिफ होते हैं, जैसे भारत को शाहरुख़ खान, हॉकी (hockey) को ध्यानचंद और फुटबॉल को रोनाल्डो के नाम से जाना जाता है कुछ उसी तरह तुलसी (Basil) को औषधियों का पर्याय कहा जा सकता है। तुलसी के बहुत ही ज्यादा फायदे है। इसे कच्चा खाने मात्र से ही आपके कई प्रकार के रोग दूर हो जाते है।
अगर इसकी रचना की बात करे तो इसमें वसा (fat) की मात्रा कम होता है तथा प्रोटीन (protein) , कार्बोहाइड्रेट्स (carbohydrates) और विटामिन्स (Vitamins) अच्छी मात्रा में इसके अंदर होते है। तो आईये इसके फायदे के बारे में विस्तार से जानते है।
तुलसी के फायदे | Benefits of basil (tulsi) in Hindi
जहाँ एक तरफ तुलसी की महत्ता धार्मिक कार्यों में प्रचलित है वहीँ औषधि के रूप में भी तुलसी ने अच्छा ख़ासा नाम कमाया हुआ है। इस दिव्य पौधे को निम्नलिखित तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है।
सर्दी खांसी में लाभ | Basil (tulsi) cures cough in hindi
ठंडी के दिनों में खांसी होना, सरदर्द होना आम बात है। इसके उपचार के लिए तुलसी बहुत ही फायदेमंद है। इसको आप कच्चा भी खा सकते है या फिर इसको पीस कर एक पेस्ट बना ले। आईये इसकी विधि के बारे में जानते है।
विधि: तीन चार ग्राम तुलसी की पत्तियों को पीसकर दही (Curd), शहद (Honey) या दूध (Milk) के साथ खाली पेट लेने पर सर्दी-खांसी कम होती है ।
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जी मचलने से राहत | Basil (tulsi) helps to cure Nausea in hindi
तुलसी का सेवन जी मचलने में भी बहुत ही फायदेमंद है। अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें एक यूजेनॉल (Eugenol) नाम का पदार्थ होता है जिससे की हमे राहत मिलती है। आईये इसकी विधि जानते है।
विधि: 3-4 तुलसी की पत्तियों के रस को शहद के साथ मिलाकर चाटने से उल्टी (vomit) जैसे भाव आना बंद हो जाते है ।
निमोनिया के इलाज में मदद | Basil (tulsi) cures Pneumonia in hindi
पवित्र तुलसी के तत्व हमारे फेफड़ों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। यह निमोनिया के इलाज में मदद करते हैं। आईये इसकी विधि के बारे जानते है।
विधि: 50 ग्रा तुलसी ,25 ग्रा अदरक (Ginger), 15 ग्रा कालीमिर्च (Black pepper) और 10 ग्रा इलायची (cardamom) कूटकर तब तक उबालें जब तक ये मिश्रण 20 ग्रा बच जाए। यह मिश्रण सभी आयु के लोगों के लिए असरदार है ।
दमे का इलाज | Basil (tulsi) for curing Asthma in Hindi
तुलसी के पत्तों से दमे का इलाज भी संभव है। निचे लिखी विधि के अनुसार इसे प्रयोग करे आपको जरूर राहत मिलेगी।
विधि: गुलबनफ्सा, मुलेठी व तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर उपयोग करने से श्वांस के रोगों से मुक्ति मिलती है ।
रोग-प्रतिरोधक छमता बढ़ाने में | Basil (tulsi) increases disease resistance capability in the body
तुलसी बच्चों एवं बड़ों के लिए एक रामबाण औषधि है। इसे निम्न तरह से उपयोग कर बहुत से रोगों से बचा जा सकता है।
विधि: तुलसी के पत्तों का 15-20ग्रा रस निकाल के गाए के घी में धीमी आंच पर गरम करें, फिर इस लेप से शरीर की मालिश करें। आप अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे।
भूख बढ़ाने के लिए | Basil (tulsi) helps to increase appetite in hindi
अक्सर छोटे बच्चों को भूख न लगने जैसी समस्याएं होती है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए माएं कुछ इस तरह तुलसी का उपयोग कर सकती है ।
विधि: अदरक, काली मिर्च,तुलसी के पत्ते,मिर्च व नमक मिलाकर चटनी बना ले ।इसे खाने के साथ परोसें ।यह चटनी पेट में होने वाले इन्फेक्शन (Infection)से बचाती है ।
संतान सुख के लिए | Basil helps to cure male infertility in hindi
तुलसी बांझपन जैसी समस्यायों का भी इलाज करने में संभव है। बांझपन न केवल महिलाओं में पाया जाता है, बल्कि पुरुषों में भी होता है। पुरुषों में सबसे आम मुद्दा है – स्वस्थ सामान्य शुक्राणु का अपर्याप्त उत्पादन। आईये इसकी विधि को जानते है के किस प्रकार तुलसी का सेवन करने से बांझपन दूर होता है
विधि: तुलसी के 200 ग्रा बीज मिश्री और गाए के दूध के साथ मिलाकर सुबह-शाम लें ।
गला बैठ जाने पर | Basil (Tulsi) helps to cure sore throat in hindi
सर्दियों में गला बैठ जाए तो तुलसी की 2-4 पत्तियां, थोड़ी सी मिश्री व एकाध काली मिर्च के साथ चूसें। इस विधि से गले की खराश कम हो जाएगी ।
अतिरिक्त विधि: 2-3 लौंग,3-4 तुलसी,3-4 कालीमिर्च कुचल के पानी में सेंधा नमक के साथ मिलाकर पिएं… इससे गला खुल जाएगा और आवाज़ साफ़ होगी।
कान में दर्द एवं पस की समस्या | Basil (Tulsi) helps to cure pain in ear in hindi
यदि आपके कान में दर्द है या फिर पस की समस्या है तो तुलसी के पत्ते इसमें भी बहुत ही लाभदायी है। निचे लिखी विधि के अनुसार इसे प्रयोग करे, आपको अवश्य ही लाभ होगा।
विधि: तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर 4-4 बूँद करके कान में डालें। इस तरह से भी कान दर्द ठीक न हो या फिर कान का पस ख़तम ना हो तो 50ग्रा तिल के तेल मे 20-25ग्रा तुलसी की पत्ती को धीमी आंच पर पकाएं और इस तेल को कान में डालें ।
बुखार में राहत | Basil (tulsi) cures fever in hindi
शरीर तप रहा हो, सामान्य या मलेरिया जैसा बुखार हो तो तुलसी के पत्ते व मिश्री का काढ़ा बनाकर रोगी को दें। इससे बुखार के बाद की कमजोरी भी दूर होगी।
चोट से राहत | Basil (tulsi) gives relief in injury
शरीर के किसी भी भाग पे चोट लग जाए तो पानी में तुलसी की पत्तियों को उबाल कर इस पानी से घाव धो लें।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए | Consumption of basil (tulsi) increases memory in hindi
हलाकि तुसली हर वर्ग के लोगो के लिए लाभदायी है परन्तु बच्चो के लिए तो यह बहुत ही ज्यादा लाभदायी सिद्ध होती है। पढाई लिखे करने वाले बच्चो की स्मरण शक्ति तेज़ करती है। आईये जानते है की किस प्रकार सेवन करने से स्मरण शक्ति तेज़ होती है।
विधि: तुलसी की 4-5 पत्तियां शहद के साथ मिलाके लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। यह उपाए पढाई लिखाई करने वाले बच्चों के लिए लाभकारी है।
सर में जुएं कम होती है | Basil (tulsi) cures lices in hindi
तुलसी के पत्तों का रस निकाल के इससे बाल धो लें। सर में जुओं की समस्या ख़तम हो जाएगी ।
दांतों में दर्द | Basil (tulsi) cures toothache in hindi
पायरिआ से बचने के लिए तुलसी के पत्ते, काली मिर्च ,सेंधा नमक का पेस्ट बना के मसूड़ों की मालिश करें। इस पेस्ट को रुई की मदद से मसूड़ों पे लगा के भी रख सकते हैं।
तुलसी के नुक्सान | Side-effects of Basil (Tulsi) in hindi
तुलसी छोटे से छोटे या बढे से बढे रोगों में लाभकारी है, परन्तु कहा गया है ना “अति सर्वत्र वर्जयेत”… तुलसी का अत्यधिक सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है।
यूजिनाल (Eugenol) की मात्रा अधिक होना | Excess eugenol by basil (Tulsi) in hindi
तुलसी में यूजिनाल नामक तत्व होता है। इसकी मात्रा ज्यादा हो जाने से खांसी या फिर पेशाब में खून आने जैसी समस्या हो सकती है ।
हाइपोग्लाइसीमिया (HYPOGLYCEMIA)
तुलसी में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है । वो मरीज जो शुगर कम करने के लिए दवाई ले रहे है वो इसका उपयोग कम करें।
खून का पतला हो जाना | Blood thinning by basil in hindi
तुलसी के सेवन से खून पतला हो जाता है। यदि आप खून पतला करने वाली दवाइयां ले रहे हैं तो तुलसी के सेवन से बचें। दोनों का एक साथ उपयोग करने से खून काफी ज्यादा पतला हो जाता है और ये परेशानी का सबब साबित हो सकता है ।
गर्भवती महिलाओं में रिएक्शन | Basil (Tulsi) side-effect for pregnant ladies in hindi
तुलसी के अत्यधिक सेवन से गर्भाशय सिकुड़ जाता है। इसमें एक पदार्थ होता है, जिसका नाम है एस्ट्रैगोल। उससे गर्भाशय का संकुचन हो सकता है, जो की खतरनाक है। इससे बच्चे को जन्म देते वक़्त मुश्किल का सामना हो सकता है ।
तुलसी कुछ दवाइयों के असर को ज्यादा या कम कर देती है। इससे उम्मीद के विपरीत प्रभाव पढ़ सकता है ।
समापन नोट | Concluding note
इसमें कोई शक नहीं है की तुलसी एक बहुत अच्छी दवा और औषद्यि है। इसका नियमित रूप में इस्तेमाल करे तो आपको भरपूर फायदा होगा।
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