यदि उन्हें रुलाया तो उनके आंसुओं में
माता - पिता की सेवा करने वाला, विनयी होता है।वही गुरु की सेवा कर पाता है जिसने मां बाप की सेवा की हो।
* भगवान ने समाज को संत सती के मां बाप की उपमा दी है। श्रवण कुमार मां - बाप की सेवा से ही प्रसिद्ध हुये। भीष्म पितामह ने पिता की इच्छा के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य ग्रहण कर लिया।
कुछ सुना हुआ, कुछ चिंतन किया सब कुछ आपके पास है।पढ़कर अच्छा लगे तो माता पिता को कम से कम नित्य प्रणाम का नियम बनाना, तो मेरा यह प्रयास आगे गति प्रदान करेगा।
*ऐसा कभी मत करना - जिस मां बाप ने बेटे को बोलना सिखाया, बड़े होकर मां बाप को चुप रहने के लिए मत कहना।
* जब बंटवारा हो तो - मां बाप को भाई को मत देना।
* माँ बाप को अपने कार्यों से रुलाना मत, यदि रुलाया तो उनके आंसुओं में हमारा सौभाग्य धुल जायेगा। - राजेश मुनि
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