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लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा.

लक्ष्य निर्धारित कर सम्यकत्व के लिए पुरुषार्थ करेंगे तो मोक्ष का मार्ग मिलेगा- पूज्य श्री अतिशयमुनिजी म.सा. 

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218वाँ भिक्षु चरमोत्सव

             218वाँ भिक्षु चरमोत्सव

 218 वें भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष में आज आपको भिक्षु स्वामी की एक ऐतिहासिक और दुर्लभ कला पर आधारित लगभग 37 साल पुरानी तस्वीर का दर्शन कराते हैं।

और यह ऐतिहासिक तस्वीर नाथद्वारा सभा भवन में केवल पर्यूषण पर्व पर लगाई जाती है।

भिक्षु स्वामी की यह ऐतिहासिक तस्वीर 15 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी है। यह तस्वीर *पिछवाई चित्रकला* की कला शैली से बनी हुई है।पिछवाई चित्र आकार में बड़े होते हैं तथा इन्हें कपड़े पर बनाया जाता है।


यह तस्वीर भिक्षु स्वामी के भक्त श्री द्वारकलाल जांगिड़ ने भेंट की थी..

( पिछवाई का मुख्य कार्यस्थल नाथद्वारा है। लेकिन वहां भी अब इस कला का अभ्यास करने वाले नही के बराबर चित्रकार ही बचे है। नाथद्वारा के बाद इस कला का अभ्यास करने वालों में भीलवाड़ा का दूसरा स्थान है )

( भिक्षु स्वामी के तस्वीर के ऊपरी हिस्से में "हे प्रभु यह तेरापंथ लिखा" हुआ है... जो यहां पोस्ट की हुई तस्वीर में नहीं आ पाया है, और तस्वीर के चारों ओर स्काई ब्लू कलर का बॉर्डर है  )

 218वाँ भिक्षु चरमोत्सव

इस भादुड़ी तेरस स्वामीजी को अपने निवास स्थान से करें भाव वंदना । 

सभी भिक्षुभक्तों हेतु सिरियारी संस्थान के सहयोग से हम तेरस के पावन दिवस पर सिरियारी के लाइव दर्शन डिजिटल माध्यम से करेंगे। 

218वें भिक्षु चरमोत्सव के अवसर पर डिजिटल धम्मजागरण का लाइव प्रसारण कल शाम 8 बजे से

● पारस चैनल 

● सिरियारी संस्थान के यूटयूब व फेसबुक पेज पर

● ABTYP JTN फेसबुक पेज पर

आओ हम सब जुड़ें इस बार - डिजिटल माध्यमों से !!


इस पोस्ट को सभी भक्तों को भेजें जिससे वह अनावश्यक यात्रा ना करते हुए प्रशासन का भी सहयोग करे ।

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