जैन साधु-संतों के आधार कार्ड बनवाने का अभियान शुरू

जैन साधु-संतों के आधार कार्ड बनवाने का ऐतिहासिक अभियान नासिक से शुरू


जैन कॉन्फ्रेंस के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोहनलालजी चोपड़ा जैन इनके जन्मदिन के मौके पर केशर बाग़ , महावीर सेवा केंद्र, देवलाली कॅम्प, नासिक  यहां विराजित ३८ महासतीयाजी  के आधार कार्ड बनवाने का एवं रजिस्ट्रेशन करने की शुरुआत हुई । जैन कांफ्रेंस में यह प्रोजेक्ट की जिम्मेवारी  सुनील  चोपड़ा जैन नासिक इन्होंने ली थी और संकल्प कर उसकी पहल करते हुए  शुरुआत आज हुई।



साधु-संतों का डाटा संकलन करना और सभी को एक जगह इकट्ठा करने का बड़ा महत्वपूर्ण कार्य श्री अभयभाऊ चोपड़ा नासिक इन्होंने किया । इसमें गवर्नमेंट प्रशासन के डिप्टी कलेक्टर, आईटी सेल , आधार कार्ड सेतु कार्यालय के सरकारी अधिकारीयों का  सहयोग मिला। लगातार दो दिन के कार्यशाला में महासतीयाजीयो के सक्सेसफुल रजिस्ट्रेशन हुए । १० दिनों में इन सभी सतीयाजी के आधार कार्ड प्रोसेसिंग होते हुए कार्ड डाउनलोड एवं प्राप्त होने शुरू हो गये है ।   

दूसरा अभियान अहमदनगर के धार्मिक परीक्षा बोर्ड में स्थित सभी साधु-संतों के आधार कार्ड बनवाने का निश्चय किया गया है। 


आधिकारिक भारतीय नागरिकता के लिए आधार कार्ड  पहचान पत्र के कारण हमारे गुरु भगवन्तों को भारतवर्ष में कहीं भी यातायात करने में , या पढ़ाई में , या मेडिकल सुविधाओं में दिक्कत नहीं आएगी । यह कार्यक्रम कांफ्रेंस के  अंतर्गत होने के कारण यह व्यवस्था भारतवर्ष में सभी जगह अमल में लाई जाएगी । और हमारे सभी साधु संतों के आधार कार्ड बनवाने  का प्रोजेक्ट २०२१ में पूरा किया जाएगा। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी श्री पारसभाऊ मोदी जैन  के इच्छा के अनुसार  जिम्मेदारी के साथ कार्य शुरू हुआ ।


 प्रथम आधार कार्ड बनवाने के ऊपक्रम में महाराष्ट्र प्रवर्तनी डॉ श्री ज्ञानप्रभाजी महाराज, बेन महाराज श्री प्रितीसुधाजी  महाराज , श्री दर्शनप्रभाजी महाराज एवं सभी साध्वियो के आधार कार्ड बनाए गए। कुल ३८ आधार कार्ड का स्कैनिंग और डॉक्यूमेंट्शन पूरा हुआ। सरकार के बेंगलुरु ऑफिस में प्रोसेसिंग हुआ और महासतीयाजी के आधार कार्ड बन गये है । 

साधु संत हमारे पूजनीय है मगर आज भारत देश के आधिकारिक नागरिकता के पहचान पत्र से हकदार हुए हैं।  सबसे बड़ी उपलब्धि है कि कोरोना के महामारी के कारण जिन कठिन परिस्थितियों में हमारे साधु-संतों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा और  सरकार के सूचना अनुसार कोरोना वैक्सीन लस जिनके पास सरकारी पहचान पत्र होगा उन्हीं दी जाने वाली है । कोरोना की लस की आवश्यकता सबसे ज्यादा हमारे संतो को है । ऐसी स्थिति में सरकारी पहचान पत्र होगा तो आसानी से हमारे संतो को पहले कड़ी में कोरोना वैक्सीन लस मिल जाएगी ओर सुरक्षित हों जायेंगे ।


यह बड़ी उपलब्धि आज नए साल के उपलक्ष में जैन कांफ्रेंस के माध्यम से   हुई  है ।


जैन कॉन्फ्रेंस परिवार

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