PRABHU TAMARA PAGLE PAGLE Jain Stavan
प्रभु तमारा पगले पगले
पा पा पगली मांडी छे,
हवे तो अक्षर पाडो हरिवर,
मारी कोरी पाटी छे,
बाळक छुं मने खबर क्यां?
शुं छे साचुं जीवन?
पडी जाउं नां क्यांय प्रभु (2),
करो रोम रोम संजीवन,
सिंचन करजो मारा कण कण मां,
मारी सुक्की माटी छे
प्रभु तमारा पगले पगले
पा पा पगली मांडी छे,
बाळक पकडे मां नी आंगळी,
एम हुं जालुं छुं तमने,
वर्षा राणी भरे सरोवर (2),
एम भरी दो अमने,
अमे अमारी हथेळीओ मां,
मिलन नी रेखा आंकी छे
प्रभु तमारा पगले पगले
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