विज्ञान के बढ़ते चरण निबंध (200 से 250 शब्दों में)

विज्ञान के बढ़ते चरण। विषय पर सारगर्भित निबंध लिखिए : (200 से 250 शब्दों में)

----:  विज्ञान के बढ़ते चरण पर निबंध :------

1. प्रस्तावना : –

वर्तमान युग विज्ञान का युग है । आवश्यकता आविष्कार की जननी है । आदिकाल से मानव को जिन - जिन चीजों की आवश्यकता होती थी । वह उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयास करता रहा । इसी प्रयास के द्वारा नवीन आविष्कारों से विज्ञान का जन्म हुआ । वर्तमान में विज्ञान ने इतनी प्रगति की है कि इसे चमत्कार कहना भी अत्युक्ति नहीं होगी । विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में आश्चर्यजनक अविष्कार करके चमत्कार उत्पन्न किया है नित प्रति होने वाले वैज्ञानिक अविष्कार नूतन क्रान्ति कर रहे हैं।

2. विज्ञान का अर्थ और अभिप्राय :--

विज्ञान शब्द वि + ज्ञान दोनों शब्दों से मिलकर बना हैजिसका अर्थ है विशेष ज्ञान । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह धर्मकलाराजनीति या कोई भी क्षेत्र हो विज्ञान से अछूता नहीं है। विज्ञान ने प्रकृति पर अधिकार स्थापित किया । विज्ञान के कारण मानव को अपरिमित और अदम्य शक्ति प्राप्त हुई है । महाकवि दिनकर ने कहा है है बँधे नर के करों में वारिविद्युत् भापहुक्म पर चढ़ता उतरता हैपवन का तापहै नहीं बाकी कहीं व्यवधान लाँध सकता नर सरित गिरि सिंधु एक समान।

3. विज्ञान के क्षेत्र : -

इस शताब्दी में विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में चमत्कार उत्पन्न किया है । फ्रांसजापानजर्मनीइंग्लैंडरुसअमेरिका आदि देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आश्चर्यजनक आविष्कार करके विज्ञान को उन्नति के चरम शिखर पर पहुँचा दिया है । 

4. यातायात के क्षेत्र में :–

प्राचीन काल में जिस क्षेत्र की यात्रा करने में महीनों लगते थेअब उसको घंटों में पूरा कर लेते हैं। मोटरकाररेलगाड़ीबसहवाई जहाजजहाज आवागमन के प्रमुख साधन हैं। इन साधनों ने विश्व को एक सूत्र में बाँध दिया है। 'वसुधैव कुटुम्बकमकी कल्पना साकार हुई है। यात्रा द्रुतसुगमसुखद और सुरक्षित हो गई है।   

5. चिकित्सा के क्षेत्र में :-

विज्ञान के द्वारा ही मानव ने असाध्य रोगो का निदान किया है । प्राचीन काल में मामूली रोग होने पर भी व्यक्ति काल कवलित हो जाता था । अब क्षयकैंसरप्लेगहैजा आदि संक्रामक रोगों के लिए अचक औषधियों का आविष्कार किया जा चुका है । आज विज्ञान ने मानव को वह शक्ति दी है कि वह चाहे किसी भी प्राणी के शरीर का रक्त निकालकर नया रक्त डाल दें ।

6. संचार के क्षेत्र में :-

विश्व के किसी भी क्षेत्र में घटित घटना को सारे विश्व में बिजली की तरह फैलने में मिनटों का समय लगता है । इस दिशा में रेडियोटेलीविजन ने आशातीत सफलता प्राप्त की है ।

7. कृषि के क्षेत्र में :-

विज्ञान के द्वारा नलकूपट्रेक्टररासायनिक खाद आदि अनेक उपकरण निर्मित किये हैं जिनके कारण उत्पादन में कई गुना वृद्धि हो गई है ।

8. शक्ति के साधनों का विकास -

वर्तमान में भाप खनिज तेलकोयला और बिजली ने मानव को असीमित शक्ति प्रदान की है । बिजली हमें जहाँ एक ओर शक्ति प्रदान करती हैतो दूसरी ओर रात्रि में दिन के समान प्रकाश दिया है।

9. मनोरंजन के साधन :-

मनोरंजन करना मानव का स्वभाव है । चलचित्रवीडियो और दूरदर्शन पर फिल्में शिक्षाप्रद कार्यक्रमबाल कार्यक्रम टीवी तथा कंप्यूटर के माध्यम से देखकर सभी वर्ग के लोग अपना मनोरंजन करते हैं ।

घर - घर में फैला आज विज्ञान का प्रकाश ।

करता दोनों काम वह नवनिर्माण और विनाश ।"

विज्ञान ने पृथ्वी लोक को दूसरा स्वर्ग बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ीफिर भी यह सत्य है कि इसी विज्ञान ने नर्क के द्वार खोल दिये हैं । मानव ने इतने शक्तिशाली अणुबमपरमाणु बममिसाइल बनाये हैंजिनका मुँह केवल विनाश की ओर खुलता है । विज्ञान ने मानव को पूर्णतः भोगवादी और अकर्मण्य बना दिया है ।

10. उपसंहार :-

विज्ञान इस पृथ्वी पर कल्पवृक्ष की भाँति अवतिरत हुआ है । इसने मानव की चिरसंचित इच्छाओं की पूर्ति की है । विज्ञान की मदद से आज चन्द्रमा का मस्तक चूमने में सफल हुआ है । पृथ्वी की परिक्रमा करके विभिन्न ग्रहों की जानकारी प्राप्त कर ली है ।

निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है कि विज्ञान अलाउद्दीन के चिराग की भाँति सदैव मानव हित हेतु उपस्थित है । विज्ञान एक शक्ति हैजिसका उपयोग बहुत सोच समझ कर मानव कल्याण हेतु करना चाहिए ।

"विष्णु सरीखा पालक हैशंकर जैसा संहारक ।

पूजा उसकी शुद्ध भाव सेकरो आज से आराधक।"

No comments:

Post a Comment