हाथ और पैर में झनझनाहट होने के कारण। Tingling Causes in Hand and Feet in Hindi

हाथ और पैर में झनझनाहट होने के कारण। Tingling Causes in Hand and Feet in Hindi

हाथ और पैरो में झुनझुनी की समस्या सभी को होती है। यह कोई बड़ी बीमारी का संकेत नहीं होता है क्योंकि एक जगह पर देर तक बैठे से हाथ या पैर में झनझनाहट उत्पन्न होने लगता है। हाथ और पैर का उपयोग होने से झनझनात नहीं होती है। अक्सर लोग झनझनाहट को देशी भाषा में झुनझुनी कहते है। झुनझुनी होने पर हाथ पैर हिलाने -डुलाने में कठिनाई हो जाती है। लेकिन कुछ देर रहने के बाद अपने आप ठीक भी हो जाता है। इसलिए झुनझुनी को गंभीर नहीं माना जाता हैं। झुनझुनी होने से व्यक्ति के कार्यो पर काफी प्रभाव पड़ता है। झुनझुनी होने पर चुभन व जलन का अनुभव होता है। झुनझुनी आने का कारण व्यक्ति कमजोरी महसूस कर सकते है। इसके अलावा शरीर में किसी तरह के अंदरूनी चोट के कारण झुनझुनी पैदा हो सकती है। अधिक झुनझुनी आना स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। शायद बहुत से लोगो को पता नहीं होगा, झुनझुनी को घरेलू उपचार की सहायता से ठीक किया जा सकता हैं। चलिए इस लेख में आपको हाथ और पैर झनझनाहट के बारे में विस्तार से बताते हैं।

 

  • हाथ और पैर में झनझनाहट क्या हैं ? (What is tingling in hands and feet in Hindi)
  • हाथो और पैरो में झनझनात होने के कारण क्या हैं ? (Tingling in The Hands And Feet Causes in Hindi)
  • हाथों और पैरों में झनझनाहट के लक्षण क्या हैं ? (Tingling in hands and feet Symptoms in Hindi)
  • हाथ पैर में झनझनाहट के उपचार क्या हैं ? (Tingling in hands and feet Treatments in Hindi)

हाथ और पैर में झनझनाहट क्या हैं ? (What is tingling in hands and feet in Hindi)

हाथ और पैर में झुनझुनी होना एक आम बात है। झुनझुनी होने पर जलन व चुभन जैसे लक्षणो का अनुभव होता है। इससे हाथ और पैर थोड़े देर के लिए सुन्न हो जाते है। नसों की कमजोरी की समस्या से सुन्न जैसे लक्षण नजर आते है। शरीर में विटामिन और खनिज की कमी से झुनझुनी की समस्या होती है। इसके अलावा मधुमेह व किडनी की समस्य होने से तंत्रिका नसों पर प्रभाव पड़ने से झुनझुनी आ सकता है। कुछ दवा के सेवन करने से हाथ व पैर में झनझनाहट हो सकती है। व्यक्ति के अधिक कमजोर या शराबीपन, हाथ में संक्रमण के वजन से झुनझुनी का अनुभव हो सकता हैं। 

हाथो और पैरो में झनझनात होने के कारण क्या हैं ? (Tingling in The Hands And Feet Causes in Hindi)

हाथो और पैरो में झनझनाहट होने के अनेक कारण हो सकते है जो अलग-अलग अनुभव करवाते है। जैसे जलन, चुभन, नसों की कमजोरी, सुन्न पड़ जाना आदि। इसके अलावा नसों पर अधिक दबाव पड़ने से झनझनाहट उत्पन्न हो सकता है। चलिए विस्तार से कारण के बारे में बताते हैं। 

  • विटामिन की कमी होने के कारण शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते है जिसके कारण नसों में कमजोरी आ जाती है। भरपूर मात्रा में विटामिन होने से तंत्रिका स्वस्थ रहती है और कमजोरी पैदा नहीं होने देता है। इसलिए झुनझुनी नहीं होता है। खासतौर पर बी 6 की कमी से हाथ और पैर में सुन्न होने लगता हैं।
  • यदि व्यक्ति को किडनी से संबंधित समस्या होने पर उसका प्रभाव नसों पर पड़ता है। ऐसा इसलिए किडनी ख़राब होने पर द्रव पदार्थ जमा होने लगता है जो नसों पर प्रभाव डालते है और झनझनाहट उत्पन्न करता है। 
  • मधुमेह रोगियों के शरीर में रक्त शर्करा व इंसुलिन के बढ़ने से नसों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए हाथ व पैर में झनझनाहट महसूस होने लगता है। मधुमेह पीड़ित लोगो को हर महीने अपना शुगर स्तर की जांच करवानी चाहिए। 
  • कुछ विशेष प्रकार की दवा लेने से अक्सर लोगो को हाथ व पैर झनझनाहट की समस्या होती है। 
  • कुछ रोग के काऱण जैसे गठिया, सीलियक रोग, ल्यूपस, मल्टीपल स्केलेरोसिस होने से हाथ-पैर में झनझनाहट होने लगती हैं। 
  • संक्रमण या बैक्टीरिया के हमले होने पर झनझनाहट की समस्या हो सकती है। जिसमे शामिल है कुष्ठ रोग, एचआईवी, हेपेटाइटिस सी, बी, लाइम रोग आदि है। 

कुछ अन्य कारण –

गर्भावस्था होना, शराब का अधिक सेवन, विषाक्त पदार्थ, हाइपोथायरायडिज्म आदि है। 

हाथों और पैरों में झनझनाहट के लक्षण क्या हैं ? (Tingling in hands and feet Symptoms in Hindi)

हाथ और पैर में झनझनाहट होने निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते है। 

  • हाथ और पैर में सुन्नता का अनुभव होना। 
  • जलन व चुभन का अनुभव होना। 
  • प्रभावित जगह पर ठंडा लगना। 
  • कमजोरी महसूस होना। 
  • काम में सुस्ती आना। 

अगर कभी-कभी झुनझुनी आती है, तो कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन रोजाना ऐसा हो रहा है, तो चिकिस्तक से संपर्क करें।

हाथ पैर में झनझनाहट के उपचार क्या हैं ? (Tingling in hands and feet Treatments in Hindi)

हाथ व पैर में झनझनाहट होने के कारण के आधार पर उपचार किया जाता है। उपचार के साथ मरीज को चिकिस्तक कुछ सलाह दे सकते है। 

  • तंत्रिका में संकुचन होने व सिस्ट हटाने के लिए सुझाव दे सकते हैं। 
  • मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए उपचार करना चाहिए ताकि झनझनाहट की समस्या न हो। 
  • विटामिन की कमी की पूर्ति के लिए आहार में सप्लीमेंट लेना चाहिए। 
  • संक्रमण होने पर पहले उनका उपचार करवाना चाहिए। 
  • दवा का सेवन करने से हाथ व पैर में झनझनाहट उत्पन्न होती है। इसलिए चिकिस्तक दवा में बदलाव कर सकते हैं। 
  • शरीर की उचित देखभाल करने के लिए रोजाना व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। 

अगर आपको अधिक हाथ और पैर में झनझनात की समस्या हो रही है, तो ऑर्थोपेडिक (Orthopedic) से संपर्क करें। 

हमारा उद्देश्य है आपको जानकारी प्रदान करना है। ना की किसी तरह के दवा, इलाज, घरेलु उपचार की सलाह दी जाती है। आपको चिकिस्तक अच्छी सलाह दे सकते है क्योंकि उनसे अच्छी सलाह कोई नहीं देता है।

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