नस पर नस (Muscle Spasm) क्यो चढ़ती है?

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कई बार रात को सोते समय टांगों में एंठन की समस्या होती है. ये नस पर नस चढ़ने के कारण ही होता है.  इस रोग में टांगों तथा पिंडलियों में हल्का दर्द महसूस होता है. इसमें पैरों में दर्द, जलन, पैर सुन्न होना, झनझ

कभी कभी रात को सोते समय या दिन में भी हमारे  पैर या हाथ की नसों में तेज खिंचाव होने लगता है, इसे हम सामान्य भाषा मे नस पर इस चढ़ना कहते है।





नस पर नस (Muscle Note) क्यो चढ़ती है?

हमारे शरीर में प्रत्येक अंग तक रक्त नलिकाओं के माध्यम से रक्त का संचार लगातार होता रहता है। उसी प्रकार हमारे शरीर मे तंत्रिकाओं का जाल (तांत्रिका तंत्र) फैला होता है। इन तन्त्रिकीय जाल द्वारा पूरे शरीर मे तन्त्रिकीय आवेग (संवेदना) का संचलन होता है। इस आवेग को विद्युत आवेग या बायो इलेक्ट्रिसिटी भी कहते हैं. रक्त हमारी धमनियों तथा शिराओं (arteries and veins) में बहता है. जबकि आवेग तंत्रिकाओं (nerves) में चलता रहता है। शरीर के जिस हिस्से में रक्त नहीं पहुंच पाता शरीर का वह हिस्सा सुन्न हो जाता है। 

तथा उन मांसपेशियों पर मस्तिष्क का नियंत्रण नहीं रहता है। ठीक उसी प्रकार शरीर के जिस हिस्से में बायो इलेक्ट्रिसिटी (तन्त्रिकीय आवेग) नहीं पहुंच पाता है, शरीर के उस हिस्से में दर्द पैदा हो जाता है। यह दर्द कार्बोनिक एसिड (H2CO3) के कारण होता है. जो बायो इलेक्ट्रिसिटी की कमी के कारण उस मांसपेशी में अपने आप उत्पन्न होता है। जब उस प्रभावित मांसपेशी में बायो इलेक्ट्रिसिटी जाने लगती है तो वहां से कार्बन घुलकर रक्त मे मिल जाता है तथा दर्द बंद हो जाता है। रक्त मे घुले इस कार्बोनिक एसिड को शरीर की रक्त शोधक प्रणाली पसीने और पेशाब से बाहर निकाल देती है।

नस पर नस चढ़ना (Muscle Note) है तो एक बीमारी पर कब कहाँ कौन सी नस चढ़ जाये कोई नहीं कह सकता. हमारे शरीर में 650 के करीब मांसपेशियां हैं!. जिनमे से 200 में मुस्कुलर स्पासम या मसल नोट का दर्द हो सकता हैं. मस्कुलर स्पाजम या मसल नोट अक्सर निम्न स्थानों पर हो सकता है-

घुटने से नीचे, घुटने के पीछे, टांग के अगले हिस्से, एडी, पंजे, नितंब (Hip), दोनो कंधो, कमरदर्द, कंधे, गर्दन और छाती, कोहनी, बाजू, ऊँगली या अंगूठे, पूरी टांग, घुटने, जबड़े में और कान के आस पास, आधे सिर, पैर के अंगूठे आदि में।

नस पर नस चढ़ने के कारण-


शरीर में जल, खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम कम होने पर
पेशाब ज्यादा करने वाली डाययूरेटिक दवाओं जैसे लेसिक्स खाने के कारण शरीर में जल, खनिज लवण की मात्रा कम होने के कारण.
मधुमेह, ज्यादा शराब पीने से, कमजोरी, पौष्टिक भोजन ना लेने से, नसों की कमजोरी.
कुछ हृदय रोग की दवायें भी कई बार इसका कारण होती हैं.
कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा के सेवन से,
एक ही स्थिति में देर तक पैर मोड़ने के कारण पेशियों की थकान के कारण हो सकता है.
पैर की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से भी मसल्स नोट हो सकता है।

यदि आपको यह समस्या है तो क्या करे?

अपना वजन कम करें।
रोज सैर पर जाएं।
फाइबर युक्त भोजन लेवे।
भोजन में सोडियम, कैल्शियम, पौटेशियम आदि खनिज पर्याप्त मात्रा में लेवे।

भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों – विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें।
सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें।

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