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 इक्षु रस का किया पारणा आखातीज महान

 जय जय आदिनाथ भगवान

 

ऐसा समय उदय में आया 

बारह मास आहार न पाया

सुखी कल्प वृक्ष सी काया

फिर भी दिल से नही घबराया

घर घर में नित जावे गोचरी

 देवे सब सम्मान 

जय जय आदिनाथ भगवान


कोई हाथी घोड़ा लावे 

रत्न थाल कोई वोहरावे 

कोई कन्या भेट चडावे

प्रभु देख पाछा फिर जावे

बारह घड़ी अन्तराय की किणी 

बारह मास भुगतान

जय जय आदिनाथ भगवान 


विचरत विचरत महल में आया

भोजन दोष रहित नही पाया

प्रभु लौटकर बाहर आया

कहे श्रेयांस हे मुनिराया

इक्षु रस निर्दोष है स्वामी 

यही लो कृपा निधान 

जय जय आदिनाथ भगवान


आज प्रभु कर पात्र बढ़ाया

उउर सेलडि रस बहराया 

किया पारणा सब मन भाया

तिन लोक में आनंद छाया 

घर घर हर्ष सवाया गाया

सुर नर मंगल गान

जय जय आदिनाथ भगवान


 

tarj-  सौ साल पहले मुझे तुम से 


🥀 अनादि से दुनिया में 

             तप ही महान था

                    आज भी है और

                           कल भी रहेगा🥀


        तप यैसी शक्ति है

                  प्रभु झोली से

                       बिखर जाती हैं..🥀


      ये सामर्थ्य है यैसा

            हिम्मत कायर 

                 की भी कर जाती है...🥀 

 

     

    मुक्ती में जाने का 

        तप एक यान था

            आज भी है और

                  कल भी रहेगा ....🥀


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