एंजियोप्लास्टी क्या हैं। Angioplasty in Hindi
कोरोनरी एंजियोप्लास्टी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है जो आमतौर धमनियों को खोलने के लिए उपयोग किया जाता है। यदि हृदय में रक्त अच्छे से प्रवाह नहीं हो रहा है या किसी तरह का ब्लॉकेज है तो हृदय में संकुचित या अवरुद्ध होती हैं। ऐसे में एंजियोप्लास्टी सर्जरी की जाती है जिसमे एक स्टेंट (छोटी, धातु की जाली ट्यूब) को धमनी में डाला जाता है और अंत में लगे एक गुब्बारे को धमनियों को दबाने के लिए फुलाया जाता है। हालांकि यह सर्जरी करने में 30 मिनट या एक घंटे तक का समय लग सकता है। बहुत से लोग सोच रहे होंगे कोरोनरी एंजियोप्लास्टी क्यों किया जाता है ? तो, चलिए -आज के लेख के माध्यम से हम आपको कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Angioplasty in Hindi) के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे।
एंजियोप्लास्टी क्यों किया जाता हैं ? (Angioplasty kyo kiya jata hai in Hindi)
एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती हैं ? (Angioplasty kaise ki jati hai in Hindi)
एंजियोप्लास्टी के बाद देखभाल कैसे करें ? (Angioplasty ke bad Dekhbhal kaise kare in Hindi)
एंजियोप्लास्टी के बाद क्या जटिलाएं आ सकती हैं ? (Angioplasty ke bad kya jatiltaye aa sakti hai in Hindi)
भारत में एंजियोप्लास्टी कराने का कितना खर्च लगता हैं ? (What is cost of Angioplasty in India in Hindi)
एंजियोप्लास्टी क्यों किया जाता हैं ? (Angioplasty kyo kiya jata hai in Hindi)
एंजियोप्लास्टी धमनियों में हो रहे रुकावट को दूर करने एव लक्षणो को ठीक करने के लिए किया जाता है। आपको बता दे, एंजियोप्लास्टी और स्टेंट रिप्लेसमेंट की आवश्यकता तब होती है। जब एक या अधिक कोरोनरी धमनी की रुकावट हो। दिल का दौरा हो या एक या अधिक कोरोनरी धमनियों का संकीर्ण हो आदि। इसके अलावा मरीज की ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए किया जाता है। यह सर्जरी हृदय में हो रही क्षति को कम करने में उपयोगी होता है।
एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती हैं ? (Angioplasty kaise ki jati hai in Hindi)
एंजियोप्लास्टी होने के पहले मरीज के कुछ परीक्षण किये जाते है। जिनमे टेस्ट, एनेस्थीसिया की जांच, सर्जरी से पहली दवाइयां शामिल है।
एंजियोप्लास्टी करने के पहले लैब में मरीज के शरीर के हाथ या पैर की धमनी के पहले म्यान की सहायता से केथेरेटर डाला जाता है। कोरोनरी धमनी को अच्छे से देखने के लिए एक डाई युक्त इंजेक्शन दिया जाता है। विशेष कैमरे का उपयोग कर हृदय के अंदर के भागों की जांच की जाती है की कहा पर समस्या है। जहा पर रुकावट होती है वहा पर बलून कथेरेटर रखा जाता है, ताकि फैटिक चीजे किनारे हो जाये। ऐसा होने पर रक्त प्रवाह होने में आसानी हो जाती है। कार्डियोलॉजिस्ट गुब्बारे की मदद से वहा पर स्टेंट फिट कर देते है ताकि रक्त का प्रवाह आसानी से मांसपेशियो में हो सके। इसलिए धमनियों के लिए अच्छा माना जाता है।
एंजियोप्लास्टी निम्न प्रकार से किया जाता है। हालांकि मरीज के स्तिथि पर निर्भर होता है क्योंकि कुछ मरीज आपातकालीन स्तिथि यानि दिल का दौरा या स्ट्रोक जोखिम के कारण एंजियोप्लास्टी सर्जरी करवाते है। इन सर्जरी में बैलुन एंजियोप्लास्टी, लेजर एंजियोप्लास्टी, अथेरेक्टोमी आदि शामिल होते है।
एंजियोप्लास्टी के बाद देखभाल कैसे करें ? (Angioplasty ke bad Dekhbhal kaise kare in Hindi)
आपातकालीन स्तिथि में यदि मरीज की एंजियोप्लास्टी की गयी है तो रिकवरी के लिए अस्पताल में अधिक रखा जा सकता है। इसके अलावा आमतौर पर एंजियोप्लास्टी होने के बाद हफ्ते भर में घर जाने की इजाजत दे देते है। हालांकि किसी मरीज को दौरा पड़ने के कारण एंजियोप्लास्टी की गयी है तो उनको अधिक समय तक अस्पताल में रिकवरी के लिए रखा जा सकता है।
- एंजियोप्लास्टी के बाद चिकिस्तक मरीज को नियम से दवा लेने का निर्देश देते है, जिनको अच्छे से पालन करना अनिवार्य होता है। बहुत से लोगो एंजियोप्लास्टी होने के बाहत समय बाद दवा की खुराक लेनी होती है। कुछ मरीज को रक्त पतला करने वाली दवा देते है।
- एंजियोप्लास्टी होने के बाद मरीज को अपनी दिनचर्या में बहुत बदलाव करना चाहिए। जैसे शराब व धूम्रपान न करना, रोजाना व्यायाम और योगा करना, पोषक आहार लेना, कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाएं रखना आदि।
- यदि किसी मरीज को एंजियोप्लास्टी होने के बाद अच्छे नतीजे नहीं मिल पा रहे है तो चिकिस्तक बाईपास सर्जरी की सलाह दे सकते हैं ताकि ह्रदय की समस्या को कम किया जा सके।
चिकिस्तक से कब संपर्क करे
- मरीज के घर पहुंचने के बाद जितना हो सके द्रव वाली चीजे ले। हल्के व्यायाम करे और भारी वजन न उठाएं। इसके अलावा यदि केथेरेटर की जगह सूजन व दर्द हो रहा है और बुखार, कमजोरी, संक्रमण, छाती में दर्द व सांस लेने तकलीफ हो तो अपने चिकिस्तक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
एंजियोप्लास्टी के बाद क्या जटिलाएं आ सकती हैं ? (Angioplasty ke bad kya jatiltaye aa sakti hai in Hindi)
एंजियोप्लास्टी के बाद क्या जटिलाएं आ सकती हैं ? एंजियोप्लास्टी होने के बाद निम्नलिखित जटिलताओं का जोखिम हो सकता हैं।
- एलर्जी होना।
- खून के थक्के जमना।
- रक्त वाहिका में चोट।
- चोट लगना।
- दिल का दौरा।
- किडनी खराब होना।
- अतालता।
- आघात पहुंचना।
- अगर मरीज की उम्र वृद्धवस्था है तो जोखिम और बढ़ सकते है। इसके अलावा कंट्रास्ट एजेंट के उपयोग से गुर्दे को चोट लग सकती है।
भारत में एंजियोप्लास्टी कराने का कितना खर्च लगता हैं ? (What is cost of Angioplasty in India in Hindi)
भारत में एंजियोप्लास्टी सर्जरी कराने का कुल खर्च लगभग 140000 से 305000 तक लग सकता है। हालांकि भारत में बहुत से बड़े अस्पताल के डॉक्टर है जो एंजियोप्लास्टी सर्जरी का इलाज करते है। लेकिन सभी अस्पतालों में एंजियोप्लास्टी सर्जरी का खर्च अलग-अलग है।
अगर आप विदेश से आ रहे है तो आपकी एंजियोप्लास्टी सर्जरी के इलाज के खर्च के अलावा होटल में रहने का खर्चा होगा, रहने का खर्चा होगा, लोकल ट्रेवल का खर्चा होगा। इसके अलावा सर्जरी के बाद मरीज को दो दिन अस्पताल और पांच दिन होटल में रिकवरी के लिए रखा जाता है, इसलिए सभी खर्चे मिलाकर 258,464 INR होते है जो एक साथ अस्पताल में लिये जाते है।
अगर आपको एंजियोप्लास्टी के बारे में अधिक जानकारी एव इलाज करवाना चाहते है तो कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) से संपर्क कर सकते हैं।
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते है। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं होता है।
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