Jhino jhino ude re gulal
झिनो झिनो उडे रे गुलाल
झिनो झिनो उडे रे गुलाल ,प्रभुजी थारा मन्दीरये
मन्दीर रे दादा मन्दीरये...(२)............||ध्रु||
वासुपुज्य स्वामी बालाजी म्हारा, भव दु:ख भजन हार,
प्रभुजी थाने घनी खम्मा...(२).............||१||
मोहनी मुरत लागे है प्यारी ...(२)..........||२||
तीन लोक रा नाथ... प्रभुजी ...झिनो ...
शरने थोरे आया प्रभुजी...(२)........||३||
मुक्ती ना आप दातार....प्रभुजी, झिनो....
समवसरन मे आप विराजो.(२).........||४||
मुक्ती ना आप दातार...प्रभुजी,झिनो...
दिदार तारो झगमग सोहे...(२)...........||५||
आनन्द आज अपार...प्रभुजी,झिनो...
विमलविद्या मन्डल आयो शरने
तारनवाला तो आप...प्रभुजी.... झिनो.......||६||
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